फास्फोरस बम Phosphorus Bomb-
जैसा कि सबको पता है कि युक्रेन और रुस के बीच में युद्ध चल रहा है रुस जितना जल्दी हो सके वह युक्रेन को झुकाना चा रहा है इसके लिए वह हर वो कोशिश कर रहा है जिसके वजह से युद्ध जल्द से जल्द समाप्त हो जाए। इसके लिए उसने फाइटर प्लेन,सुपरोसोनिक मिसाइल,थेल सेना का इस्तेमाल कर रहा है यहां तक रुस के राषट्रपति द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि यदि युक्रेन नही झुकता है तो वह परमाणु बम का भी इस्तेमाल कर सकता है। इसी बीच युक्रेन द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि रुस द्वारा उसके देश के उपर व्हाइट Phosphorus Bomb का इस्तेमाल किया जा रहा है।
फास्फोरस क्या होता है What is the Phosphorus Bomb
यह एक मोम जैसा अधातु पदार्थ होता है जिसकी गंध लहसुन की तरह होता है जो रंगहीन होता है लेकिन कभी-2 यह हल्के पीले रंग का दिखता है यह अत्यधिक प्रतिक्रिया शील होने के कारण आक्सीजन के संपर्क में आते ही जलने लगता है। इसलिए हवा के सम्पर्क में आते ही आग पकड़ लेता है। इस बम का इस्तेमाल जहां पर किया जाता है वह पर यह तब तक जलता रहता है जब तक वहां का आक्सीजन समाप्त नही हो जाता है इसलिए इसका इस्तेमाल सभी जीव जन्तु के लिए बहुत ही खतरनाक है।
व्हाइट फॉस्फोरस- यह त्वचा के सम्पर्क में आने पर यह वहां चिपक जाता है जहां पर यह चिपकता है वहा के टीशू को डैमेज कर देता है यह स्किन के पानी से रिक्शन करके फॉस्फोरिक एसिड बनाता है। जो भी इसके सम्पर्क में आता उसको ठीक होने में अधिक समय लगता है।
इसका इस्तेमाल कब किया जाता है When is a phosphorus bomb used –
फास्फोरस का इस्तेमाल तब किया जाता है जब सेना द्वारा किसी खुफिया मिशन को अंजाम दिया जाता है ताकि दुश्मन पक्ष को सेना के किसी मूवमेन्ट का पता न चले। इसके इस्तेमाल से इन्फ्रारेड विजन उपकरण काम नही करते है। हथियार ट्रैक करने वाले उपकरण नाकाम हो जाते है।
पहली बार फास्फोरस बम का इस्तेमाल First Time use Phosphorus Bomb-
कहा जाता है पहली बार इसका इस्तेमाल आयरिश राष्ट्रवादियो द्वारा 19 वीं सदी में कार्बनडाइसल्फाइड में घोल के रुप किया गया था। जब कार्बन डाइ सल्फाइड वाष्पित हो जाता था तो यह जलने लगता था। इस मिश्रण को फेनियन फायर कहा जाता है।
इस बम का इस्तेमाल पहले व दूससे विश्वयुद्ध में व्यापक मात्रा में किया गया था।
अमेरिका सेना 2004 द्वारा इराक में इसका उपयोग किया गया था।
2006 में इजरायल और लेबनान संघर्ष में इसका इस्तेमाल किया गया था ।
अफगानिस्तना 2009 फास्फोरस बम का इस्तेमाल अमेरिका और तालिबान संघर्ष के दौरान घायल हुए नागरिक पर सफेद फास्फोरस से जलने की पुष्टि हुयी थी।
2016 नागोर्नो-कराबाख अज़रबैजानी विदेश मंत्रालय के विवादित क्षेत्र पर 2016 के नागोर्नो-कराबाख संघर्ष के बाद कहा गया कि उस वर्ष 10 मई को अर्मेनियाई सेना ने अज़रबैजानी क्षेत्र के खिलाफ 122 मिमी सफेद फास्फोरस तोपखाने की गोलीबारी की थी
फास्फोरस बम के प्रति कानून law against phosphorus bombs-
फास्फोरस बम इतना खतरनाक है फिरभी इसके प्रति कोई कड़ा कानून नही है 1977 में स्विट्जलैंड के जिनेवा में कन्वेंशन हुआ था जिसमें कहा गया था कि इसका इस्तेमाल आम नागरिक को खतरना होने पर नही कर सकते है लेकिन युद्ध में कर सकते है।
1997 में केमिकल वेपन को लेकर एक कानून बना था जिसपर रुस ने भी साइन किया था उसमे लिखा गया था इस वेपन का इस्तमाल रिहायशी इलाके में नही कर सकते है।
विविध-
नम हवा में 30 डिग्री सेंटीग्रेट पर खुद जलने लगता है।
इसको पानी में डुबोकर रखा जाता है।
इस बम का इस्तेमाल यदि खुले स्थान पर किया जाय तो यह सैकड़ो किलोमीटर तक फैल जायेगा।
जलते हुए फास्फोरस का तापमान 800 डिग्री तक पहुंच जाता है।
जो व्यक्ति इसके सम्पर्क मे आ जाता है उसको जलन होता है यह जलन इतनी तेजी है की लोगो की मौत हो जाती है।
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