National Human Right Commission इसको शार्ट फार्म में NHRC भी कहा जाता है इनका काम होता है यदि पुरे देश में किसी भी राज्य में मानव से सम्बन्धि कोई अत्याचार होता है तो यह उसकी जांच करता है। तथा इसका रिपोर्ट सरकार को प्रदान करता है यदि सरकार द्वारा बनाये गये किसी कानून की वजह से मानवाधिका का उल्लंघन होता है तो इसमें सुधार की सिफारिश करता है। आइये National human rights commision (NHRC) बारे में पुरे विस्तार से जानते है।
उद्देश्य-
स्थापना- 12 अक्टूबर 1993 मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के प्रावधानो के तहत किया गया था।
मुख्यालय- नई दिल्ली
अध्यक्ष-
इसके प्रथम अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्र थे। वर्तमान में इसके अध्यक्ष – एच. एल. दत्तू है।
योग्यता- इस पद पर वह ही व्यक्ति आसीन हो सकता है जो सुप्रीम कोर्ट का रिटार्यड मुख्यन्यायधीश होता है।
पूर्ण कालीन सदस्य-
इसमे 4 सदस्य होते है।
योग्यता–
इसमे से एक व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत या सेवा निवृत न्यायधीश होना चाहिए।
दूसरा व्यक्ति हाईकोर्ट में कार्यरत या सेवा निवृत न्यायधीश होना चाहिए।
दो व्यक्ति ऐसे होने चाहिए जिनको मानव सम्बन्धित कार्य का अनुभव हो।
पदेन सदस्य-
इनकी संख्या 4 होती है।
योग्यता–
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष होता है।
राष्ट्रीय अनुसुचित जाति का अध्यक्ष होता है।
राष्ट्रीय अनुसुचित जन जाति का अध्यक्ष होता है।
राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष होता है।
कुल इनकी संख्या 2019 से पहले 9 होती थी । 2019 में इसमे संशोधन किया गया है अब इसमें इनकी कुल संख्या 11 हो गयी है।
नोट- बढ़ोत्तरी
संशोधन के बाद अब अध्यक्ष पद को सुप्रीमकोर्ट के सेवा निवृत मुख्य न्यायधीश के साथ साथ अब सुप्रीम कोर्ट के न्ययाधीश भी इस पद को प्राप्त कर सकते है।
पूर्ण कालीन सदस्यो की संख्या 4 से बढ़ा कर 5 कर दी गयी यह बढ़ोत्तरी मानवअधिकारो से सम्बन्धित में किया गया है जिसमें यह बताया गया है कि एक महिला का होना जरुरी है।
पदेन सदस्य में बढ़ोत्तरी-
5-राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग का अध्यक्ष
6- बाल संरक्षण अधिनियम आयोग के अध्यक्क्ष
7- दिव्यागों के लिए मुख्य आयुक्त
नियुक्ति-
इनके अध्यक्ष एवं सदस्यो की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय सीमित के सिपारिश पर होता है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कौन लोग है-
लोकसभा अध्यक्ष
राज्यसभा उपसभापति
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केन्द्रीय गृह मंत्री
संसद के दोनो सदनो के मुख्य विपक्षी नेता
इस पद पर विराजमान लोगो को हटाने का काम राष्ट्रीपति द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति इनको तब हटाता है जब सुप्रीमकोर्ट जांच कर लेता है।
कार्यकाल-
इनका कार्यकाल 3 वर्ष या 70 वर्ष (2019 के पहले इनका कार्य काल 5 वर्ष था। )
अध्यक्ष या सदस्यो की नियुक्ति का पुनः प्रावधान है।
यह मानवाधिकार के क्षेत्र में अनुसंधान का कार्य करता है।
इसके पास मानवाधिकार के उल्लंघन से संबंधित सभी न्यायिक मामलो में हस्तक्षेप करने करने का अधिकार प्राप्त है।
जेल में कैदियो की स्थित जानकर उसमें सुधार से सम्बन्धिक सुझाव दे सकता है।
इसके पास दिवानी अदालत की शक्तिया है। और यह अंतरिम राहत भी प्रदान करता है।
आयोग द्वारा जो रिपोर्ट होता है उसे वह राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत किया जाता है रिपोर्ट को संसद के दोनो सदनो में प्रस्तुत किया जाता है।
National human rights commision (NHRC) द्वारा मानव की सुरक्षा से समबन्धित अधिकार में सुझाव दे सकता है तथा इसमें सुधार की सिफारिश कर सकता है।
राज्य या केन्द्र सरकार द्वारा मानवाधिकार के उल्लघन को रोकने के लिए सरकार को सही कदम उठाने की सिफारिश कर सकता है।