Pegasus spyware
इस इजरायली साफ्टवेयर की सहायता से भारत में 300 से अधिक मोबाइल नंबरो को टारगेट किया गया है। इस जासूसी कांड में वर्तमान सरकार के दो मंत्री,तीन विपक्षी नेता, एक जज, कई व्यसायी और पत्रकार शामिल है। इस बात की अभी तक पुष्टि नही हुयी है कि साफ्टवेयर Pegasus से कोई जासूसी हुयी है या हैक करने का प्रयास किया गया है। Pegasus spyware को जिस कंपनी ने बनाया है उसने दावा किया है कि वह इस साफ्टवेयर को सिर्फ किसी देश की सरकार को बेचते है। इस वजह से भारत के विपक्षी नेताओ द्वारा सरकार पर इल्जाम लगा रही है कि सरकार हमारी निगरानी करा रही है।
आइये जानते है पेगासस साफ्टवेयर के बारे
पेगासस साफ्टवेयर-
ऐसा साफ्टवेयर प्रोग्राम है जो उपयोगकर्ता के मोबाइल और सिस्टम से गोपनीय डेटा को चुराता है तथा उस डेटा को नुकसान पहुँचाता है।
इस साफ्टवेयर को क्यू सूट और ट्राइडेंट जैसे दूसरे नामो से भी जाना जाता है।
यह पहली बार 2016 में सुर्खियो में आया था। उस समय यह सयुक्त अरब अमीरात के मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद मंसूर को अपने फोन पर लिंक मिला था।
यह सर्विलांस साफ्टवेयर है।
इस साफ्टवेयर को एनएसओ ग्रुप ने बनाया है।
जिस फोन में यह इंस्टाल होता है उसका मोबाइल रिमोट कंट्रोल हो जाता है।
विश्व के बहुत सारे देशो की सरकार एनएसओ के इस साफ्टवेयर के ग्राहक है। क्योकि एनएसओ बहुत ही उन्नत किस्म का साफ्टवेयर बनाती है।
भारत सरकार इस साफ्टवेयर का ग्राहक है कि नही यह नही कहा जा सकता है।
हैकिंग के बारे में जाने
इस साफ्टवेयर को इस तरह बनाया गया है कि यह मोबाइल के कुल मेमोरी का 5 प्रतिशत से कम मेमोरी लेता है जिससे युजन को इसका आभास नही होता है। यह लगभग सभी प्रकार के आपरेटिंग सिस्टम को प्रभावित करता है।
संदेह होने पर यह साफ्टवेयर खुद अनस्टॉल हो जाता है।
पेगासस साफ्टवेयर का प्रयोग कौन करता है-
एनएसओ कंपनी का दावा है कि इस साफ्टवेयर को सिर्फ सरकार या सरकारी एजेंसियो को दिया जाता है।
कंपनी के अनुसार इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल 51 प्रतिशत सरकारी खुफिया एजेंसियां करती है। 38 प्रतिशत कानून लागू करने वाली एजेंसी करती है। 11 प्रतिशत सेनाएं करती है।
पेगासस पर आरोप-
इस साफ्टवेयर पर कई बार आरोप लगा है आरोप लगानेवालो में प्रसिंद्ध सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक तथा अन्य कंम्पनियो द्वारा इस पर केस किया गया है कि यह कंपनी तथा कंपनी के वर्कर का डेटा चुराया है।
पेगासस की सफाई –
पेगासस द्वारा यह बताया गया है कि ये सभी आरोप निराधार है क्योकि कंपनी सिर्फ देश की सरकार तथा सरकारी एजेंसी को साफ्टवेयर बेचा है। जो आतंकवाद तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में यह साफ्टवेयर सहायता करता है। इसलिए ये सभी आरोप निराधार है।