हरियाणा Haryana-
उत्तर भारत का एक ऐसा राज्य जिसकी सीमा पंजाब,हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से घिरा है। उत्तर प्रदेश राज्य के साथ इसकी पूर्वी सीमा को यमुना नदी परिभाषित करती है। इस राज्य का गठन 1 नवम्बर 1966 को हुआ था। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह देश का 20वां राज्य है। इस राज्य में कुल 22 जिले है। Haryana देश का ऐसा राज्य है जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से तीन तरफ से घिरा है और इसकी राजधानी चंण्डीगढ़ है जो पंजाब की भी राजधानी है। इसके अलावा चण्डीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश भी है। हरियाणा का इतिहास देखा जाय तो यह राज्य वैदिक सभ्यता और सिन्धु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान था। प्राचीन समय में इसको ब्रह्मावर्त,आर्यवर्त और ब्रहमोप्देस के नाम से जाना जाता था। ऋग्वेद में इसको रज हरियाणे के नाम से जाना जाता था।
हरियाणा राज्य के बारे में About the Haryana –
हरियाणा राज्य किसी परिचय का मोहताज नही है यह राज्य कृषि,खेल, औद्योगिक विकास, देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।इस राज्य का गठन 1 नवम्बर 1966 को हुआ था जो भारत के उत्तरी भाग में स्थित है. इस राज्य मे कुल 22 जिले है इस राज्य को हरित भूमि के नाम से जानते है क्योकि यहां की भूमि उपजाऊ है। इस राज्य का सबसे बड़ा शहर फरीदाबाद है जो 44,212 वर्ग किमी में फैला है। इस राज्य की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 25,353,081 है। यहां की आधे से अधिक आबादी खेती और कृषि में व्यस्त रहती है यदि देश में राष्ट्रीय आय के दृष्टि से देखा जाय तो पंजाब के बाद हरियाणा का स्थान आता है। उद्योग के क्षेत्र में भी हरियाणा काफी आगे है क्योकि इस राज्य में कई कंपनी द्वारा अपना प्रोडक्ट को बनाया जाता है। आइये हरियाणा के बारे विस्तार से जानते है।
हरियाणा भूगोल व भू आकृति Haryana Geography-
हरियाणा राज्य का विस्तार 27°39 उत्तर से 30°55′ उत्तर तक अक्षांशो तक और 74°28′ पूर्व से 77°36′ पूर्व तक के देशान्तरों तक है। हरियाणा राज्य का कुल क्षेत्रफल 44212 वर्ग किमी है जो पूरे देश का 1.4 प्रतिशत है इस प्रकार देखा जाये तो यह राज्य देश का 20 वां सबसे बड़ा राज्य है। समुद्र तल से इसकी ऊचाई 200 मीटर से 1200 मीटर है। इसको मुख्य रुप से चार भागो में बांटा गया है।
- यमुना घग्गर के मैदान
- उत्तर में शिवालिक पहाड़ियो की एक पट्टी
- दक्षिण पश्चिम में बांगर क्षेत्र
- दक्षिण में अरावली पर्वतमाला जिसका विस्तार राजस्थान से दिल्ली तक है।
हरियाणा राज्य के जिले Haryana District –
हरियाणा में कुल जिलो की संख्या 22 है जो निम्न प्रकार है
अम्बाला | भिवानी | फरीदाबाद |
फतेहाबाद | गुंडगांव | हिसार |
झज्जर | जींद | कैंथल |
करनाल | कुरुक्षेत्र | महेंद्रगढ़ |
मेवात | पलवल | पंचकुला |
पानीपत | रेवाड़ी | रोहतक |
सिरसा | सोनीपत | यमुनानगर |
चरखी दादरी |
हरियाणा राज्य के मंडल Haryana Mandal-
हरियाणा में कुल 6 मंडल है।
अम्बाला | फरीदाबाद | गुरुग्राम |
हिसार | रोहतक | करनाल |
हरियाणा राज्य का राज्य प्रतीक State symbols of Haryana-
राजकीय वृक्ष | पीपल |
राजकीय पशु | कृष्ण मृग |
राजकीय पुष्प | कमल |
राजकीय पक्षी | ब्लैक फ्रैंकलीन(काला तीतर) |
राजकीय खेल | कुश्ती |
राजकीय मछली | देशी मांगुर |
राजकीय भाषा | हिन्दी अंग्रेजी |
राजकीय नृत्य | स्वांग |
हरियाणा में राष्ट्रीय उद्यान national park in Haryana –
सुल्तानपुर नेशनल पार्क गुड़गांव-
इस पार्क को 1972 में वॉटर बर्ड रिजर्व के रुप मे घोषित किया गया था। सुल्तानपुर नेशनल पार्क 1989 में इसको नेशनल पार्क बनाया गया था। शुरु में इसको पक्षी बिहार के रुप में जाना जाता था। इस पार्क के निर्माण में डॉ. सलीम अली का महत्वपूर्ण योगदान था। इनको भारत का बर्ड मैन के नाम से जाना जाता है। यह गुड़गॉव की शान के रुप में जाना जाता है यहां दूर-दूर से लोग आते है। यह पार्क साइबेरियन सारस के लिए प्रसिद्ध है।
कलेसर राष्ट्रीय उद्यान यमुनानगर-
कलेसर राष्ट्रीय उद्यान को 8 दिसंबर 2003 को अधिसूचित किया गया था। यह उद्यान 13209 एकड़ में फैला है। इसकी सीमा हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और उत्तराचल से लगी है। यह उद्यान कई प्रकार के औषधियो का भंडार है। यहां पर तेंदुंआ,घोरल,बार्किग डीयर, सांभऱ, चीतल,अजगर, पाये जाते है।
सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य
इसको सोंसर वन के नाम से भी जाना जाता है। यह हरियाणा के कैथल जिले में स्थित है। यह 11003 हेक्टयेर के क्षेत्र में फैला है। यह हरियाणा के तीसरे नम्बर का वन्यजीव अभयारण्य है। इसको 29 जुलाई 1988 को सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य के रुप में अधिसूचित किया गया था।
नाहर वन्यजीव अभयारण्य
यह हरियाणा राज्य के रेवाड़ी जिले के कोसली उपखण्ड में स्थित है। यह 522 एकड़ क्षेत्र में फैला है। हरियाणा सरकार द्वारा इसको 30 जनवरी 1987 को आधिकारिक तौर पर वन्यजीव अभयारण्य के रुप में अधिसूचित किया गया था। नाहर गांव के नजदीक रहने के कारण इसका नाम नाहर वन्यजीव अभयारण्य पड़ा।
अबुबशहर वन्यजीव अभयारण्य-
यह अभयारण्य हरियाणा के सिरसा जिले में स्थित है। यह 11530 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला है। आधिकारिक तौर पर इसे 1987 को वन्यजीव को अधिसूचित किया गया था। यह वन क्षेत्र हिरन नीलगाय, गीदड़, चिंकारा, काले हिरन, खरगोश, उल्लू, तीतर आदि जीव पाये जाते है।
खापड़वास वन्यजीव अभयारण्य
यह हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित है। इसका कुल क्षेत्र 1.5 किमी है। यह अभयारण्य प्रवासी पक्षियो के लिए प्रसिद्ध है।
बीर शिकारगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
यह हरियाणा के पंचकुला जिला में स्थित है। इसका कुल क्षेत्र 10.93 किमी है इसको 1975 में बनाया गया था। यहां पर गिद्ध संरक्षण प्रदान है इसके अलावा यहां पर हाथी,जंगली सूअर,भारतीय लोमड़ी, सांम्बर,चीतल,नीलगाय आदि रहती है। भारत सरकार द्वारा इसको 2009 में पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है।
छिलछिला वन्यजीव अभयारण्य
यह अभयारण्य हरियाणा के कुरुक्षेत्र में लगभघ 29 किमी के क्षेत्र में फैला है। शीतकालीन शत्र में यह पक्षियो को आकर्षित करता है।
हरियाणा में बहने वाली नदी River of Haryana –
हरियाणा में मुख्य रुप से 8 नदियाँ बहती है। सरस्वती नदी जो प्राचीन नदी है वह वर्तमान में विलुप्त हो चुकी है। आइये इन सभी नदी के बारे में जानते है।
यमुना नदी-
इस नदी का उदगम स्थान उत्तराखंड के बंदरपूछ श्रेणी के समीप यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। यह हरियाणा में कलेसर के पास प्रवेश करती है और फरीदाबाद के हसनपुर से होते हुए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में प्रवेश कर जाती है।
घग्गर नदी-
यह हरियाणा की प्रमुख मौसमी नदी है जो हिमाचल प्रदेश से निकलती है। यह पिंजौर के पास कालका(पंचकुला) में हरियाणा में प्रवेश करती है। यह हरियाणा के सिरसा जिला होते हुए हनुमानगढ़ से राजस्थान में प्रवेश कर जाती है और राजस्थान में ही विलुप्त हो जाती है।
इस नदी की सहायक नदी झाजरा और कौशल्या नदी है।
टांगड़ी नदी
यह पंचकुला के पास मोरनी की पहाड़ियों से निकलती है मारकंडा नदी की यह नदी सहायक नदी है। इसके अलावा इसकी सहायक नदी बलियाली और आमरी नदी है।
मारकंडा नदी
यह यमुना नदी की सहायक नदी है। यह हिमाचल प्रदेश के नाहन जिले के सिरमौर क्षेत्र के पास से शिवालिक की पहाड़ियो से निकलती है। इस नदी का प्राचीन नाम अरुणा नदी था। इस नदी का अधिक्तर जल सेनिसा झील में जाता है। इस नदी की सहायक नदी टागड़ी,रण,बेगना,नकटी आदि है। इस नदी पर कोई बांध नही है।
दोहन नदी
यह नदी भी मौसमी नदी है जो राजस्थान के के सीकर जिले के समीप नीम का थाना के पास मंधोली गाँव से निकलती है। यह हरियाणा में रेवाड़ी में प्रवेश करती है। यह आगे चल कर साहिबी नदी में मिल जाती है।
इंदौरी नदी-
यह मेवात की पहाड़ियो से निकलती है आगे चलकर साहिबी नदी में मिल जाती है।
साहिबी नदी-
यह एक बरसाती नदी है जो मनोहरगढ़ और जीतगढ़ के समीप के पहाड़ियो से निकलती है। यह कोट कासिम के समीप रेवाड़ी जिले में प्रवेश करती है रेवाड़ी और गुरुग्राम से होते हुए नजफगढ़ जिले के झील में समाहित हो जाती है।
इस नदी कंसावती नदी के नाम जानते है । राजस्थान के राजसमंद जिले में दरीबा तांबे की खदानों के पास अरावली रेंज से एक वर्षा-आधारित नदी है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में गायब हो जाता है जहां यह साहिबी नदी की एक सहायक नदी है।
सरस्वती नदी-
यह नदी इस समय विलुप्त हो गयी है लेकिन इस नदी की सहायक नदीयों में टांगरी, मारकंडा औऱ छुटांग है।
बांध Dam-
यमुना नदी पर बांध-
हथिनी कुंड बैराज,अनंगपुर बांध, किशाऊ बांध, रेणुका बांध, लखवार बांध,चेक
घग्गर नदी पर बांध-
कौशल्या बांध , दगाना बांध , दीवान वाला बांध, छामला बांध, ओट्टू बैराज
साहिबी नदी पर बांध-
मसानी बैराज
हरियाणा में फसल Crop in Haryana-
हरियाणा में मुख्य रुप से दो फसल बोयी जाती है।
रबी-
यह फसल अक्टूबर से नवम्बर में बोयी जाती है। इसको हम सर्दी की फसल कहते है। इस फसल(गेहूँ चना,जौ सरसो) की मार्च अप्रैल में कटाई होता है।
खरीफ-
इस फसल की बोवाई मानसून शुरु होने जून और जुलाई में की जाती है। सर्दी के शुरु होने पर अक्टूबर, सितम्बर तक काट ली जाती है। इस फसल में धान, ज्वार, बाजरा,ग्वार,मूंग,मक्का,कपास, ईख आदि होते है।
हरियाणा के प्रमुख उद्योग Main Industries in Haryana-
हरियाणा के उद्योग जो हरियाणा के विकास में प्रमुख योगदान देते है आइये वो सभी उद्योग के बारे में जानते है जो हरियाणा के विकास में योगदान देते है।
मारुती सुजुकी | गुरुग्राम 1983 में स्थापित |
बेनेटॉन समूह | गुरुग्राम में स्थित है। यह कंपनी वैश्विक स्तर पर कपड़ा जूता,बैग,तथा अन्य वस्तुए बनाती है। |
मुंजाल शोवा लिमिटेड कंपनी | टू व्हीलर और फोर व्हीलर में प्रयोग होने वाले शॉक आब्जर्वन का निर्माण करती है। यह हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित है। |
आईबीएम | यह हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित है। यह कंपनी सूचना और प्रोद्योगिक के क्षेत्र में बिजनेश प्रोसेस आउटोसोर्सिग की सुविधा उपलब्ध कराती है। |
जेनपैक्ट कंपनी | इसका मुख्यालय गुरुग्राम है इसकी स्थापना 1997 में की गयी थी। यह बिजनेस प्रोसेस आउठसोर्सिंग सेवाएं उपलब्ध कराती है। |
टाटा कन्सल्टेंसी सर्विस | यह सूचना प्रोद्योगिकी , बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग तथा साफ्टवेयर से सम्बन्धित सेवा उपलब्ध कराती है। इसकी स्थापना 1968 में की गयी थी। गुरुग्राम में इसके 5 कार्पोरेट सेण्टर है। |
कैनन कंपनी | गुरुग्राम इसके अनुसंधान व सॉफ्टवेयर डेवलपमेंण्ड सेन्टर है। |
रैनबेक्सी लेबोरेट्रीज | इसका मुख्यालय गुरुग्राम है इसकी स्थापना 1961 में किया गया था। यह फार्मा के क्षेत्र में काम करती है। |
भिवानी टैक्साटाइल मिल | इसकी स्थापना 1937 में किया गया था। 1945 सूती वस्त्र बनाने का पहला कारखाना स्थापित किया गया था। |
सीमेण्ट फैक्ट्री चरखी- दादरी | इसकी स्थापना राम कृष्ण डालमिया द्वारा 1939 में कराया गया था। इस फैक्ट्री का निर्माण जर्मनी के इंजीनियर द्वारा किया गया था। इस फैक्ट्री में प्रतिदिन 500 मीट्रिक टन सीमेन्ट का उत्पादन होता है। 23 जून 1981 को इस कंपनी को सीमेण्ट कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा अधिगृहित कर लिया गया था। |
टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्सटाइल (TITS) | टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्सटाइल की स्थापना 1943 में किया गया था। यहां जो माल तैयार होता है उसको बांग्लादेश,तुर्की और बेल्जियम भेजा जाता है। |
पानीपत | देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण यहां पर यातायात के पर्याप्त साधन उपलब्ध है। जिससे यहां पर जो भी उद्योग है वह काफी महत्वपूर्ण है। यहां के निर्मित हथकरघे द्वारा बनी दरियाँ,बेड कवर,गलीचे,टेबल मैट्स, अचार ,सूखी सब्जियो को देश के साथ-साथ विदेशो में भी निर्यात किया जाता है। इसको पानीपत का बुनकरो का शहर कहा जाता है। |
पानीपत तेल शोधक कारखाना | इसकी स्थापना 1980 करनाल बाहौली में किया गया था। यह देश का अत्याधुनिक तथा सबसे बड़ा तेल शोधक कारखाना है। इसकी उत्पादन क्षमता 15 मीलियन मीट्रिक टन है। |
कैप्टिव विद्युत संयत्र | विद्युत सप्लाई के उतार चढ़ाव से उर्वरक संयत्र को बचाने के लिए इसकी स्थापना किया गया था। |
नेस्ले इंण्डिया | 1900 पानीपत के समालखा में इसकी स्थापना किया गया था। यह बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो चाकलेट,दुग्ध और पेय पदार्थ का निर्माण करती है। |
यमुनानगर | इस जिले में सभी प्रकार के लघु, मध्यम तथा बड़ी औद्योगिक इकाइयो द्वारा चीनी मशीनो के कलपूर्जे, शराब आदि का निर्माण किया जाता है। यहां उत्पादित वस्तुए देश के साथ विदेशो में भेजे जाते है। इस जिलो को पेपर सिटी के नाम से जानते है। |
बल्लारपुर पेपर मिल | इस मिल की स्थापना 1929 में मैसर्स पंजाब पल्प एण्ड पेपर मिल अब्दुल्लापुर लिमिटेड के रुप में किया गया था। वर्तमान में इस मिल में 7 पेपर मिल,2 कटिंग प्लांट, 3 लेमिनेशन मशीन तथा एक आधुनिक सी एस सी प्लांट है। |
सरस्वती शुगर मिल | इस मिल की स्थापना लाहौर में 1933 में की गई थी। यह मिल सरस्वती औद्योगिक सिण्डिकेट लिमिटेड की ईकाई है। यह चीनी मिल देश में स्थापित 410 पुरानी चीनी मिलो में सर्वाधिक 8,000 टन गन्ना पेराई का प्रतिदिन ईकाई का रिकार्ड है। |
सोनीपत | यहां का एटलस साइकिल उद्योग विश्व तीन प्रमुख साइकिल निर्माण संस्थानो में से एक है एटलस के अलावा मिल्टन साइकिल का निर्माण प्रगति पर है। |
रेवाड़ी | यह जिला पीतल के बर्तन निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। |
हरियाणा का सर्वोच्च पुरस्कार Highest award of Haryana
सूर सम्मान | सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार |
राज्य शिक्षा पुरस्कार | सर्वोच्च शिक्षा पुरस्कार |
भीम पुरस्कार | सर्वोच्च खेल पुरस्कार |
चौधरी देवीलाल पुरस्कार | सर्वोच्च कृषि पुरस्कार |
मुख्यमंत्री पुरस्कार | सर्वोच्च उद्योग पुरस्कार |
हरियाणा में प्रथम First in Haryana-
राज्यपाल | धर्मवीर |
मुख्यमंत्री | भगवत दयाल शर्मा |
मुख्य न्यायाधीश | न्यायमूर्ति रामपाल |
एडवोकेट जनरल | बाबू आनंद स्वरुप |
लोकायुक्त | प्रीतम पाल सिंह |
परमवीर चक्र विजेता | मेजर होशियार सिंह |
जेल सत्याग्रही | बाबू मुरलीधर |
अंतरिक्ष जाने प्रथम महिला | कल्पना चावला |
क्रिकेट में हरियाणा के प्रथम कप्तान | नवाब मंसूर पटौदी अली खाँ |
महिला पर्वतारोही | संतोष यादव |
प्रथम हरियाणवी फिल्म | हरपूल जाट जुलाणी |
प्रथम फिल्म निर्देशक | आनंद कुमार |
प्रथम फिल्म निर्माता | देवी शंकर प्रभाकर |
प्रथम हरियाणवी उपन्यास | झाड़ फिरी |
प्रथम राजकवी | उदयभान हंस |
प्रथम व्यंग हास्यकवी | मीरजाफर जट्ठाली |
पत्रिका | हरियाणा शोध पत्रिका |
समाचार पत्र | हरियाणा(झज्जर) |
समाचार संपादक | दीन दयाल शर्मा |