Operating System-
आपरेटिंग सिस्टम का काम कम्प्युटर के हार्डवेयर तथा एप्लीकेशन साफ्टवेयर के बीच सेतु का काम करना इसका मतलब यह है कि यह हार्डवेयर को यह बताता है कि यह एप्लीकेशन साफ्टवेयर यह काम करता है तथा एप्लीकेशन साफ्टवेयर को यह बताता है इस हार्डवेयर पर आप काम कर सकते है। या यह हार्डवेयर आपके काम का है की नही। आपरेटिंग सिस्टम बहुत सारे प्रोग्राम का संग्रह होता है। जिनकी सहायाता से सभी एप्लीकेशन प्रोग्राम कम्प्युटर पर रन करते है ।
आइये जानने की कोशिश करते है कि ओएस क्या होता है-
वह सभी इलेक्ट्रानिक डिवाइस जिसके द्वारा युजर अपने काम को आसान बनाता है उन सभी डिवाइसो में आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन सभी डिवाइसो का अपना अलग अलग आपरेटिंग सिस्टम होता है।
जैसे – कम्प्युटर अपना आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है, मोबाइल अपना आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है रोबोट अपना आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है।
इस आपरेटिंग सिस्टम का शार्ट फार्म में OS के नाम से जानते है। इन सभी डिवाइसो में जिस ओएस का इस्तेमाल किया जाता है वह ओएस बहुत सारे प्रोग्राम को मिलाकर बनाया जाता है। इस ओएस का काम होता है हार्डवेयर तथा एप्लीकेशन साफ्टवेयर के बीच सेतु का काम करना। इसका मतलब है जब कम्प्युटर में आपरेटिंग सिस्टम को इंस्टाल कर देते है उसके बाद जब हम किसी साफ्टवेयर को इंस्टाल करते है तो यह आपरेटिंग सिस्टम बताता है कि जो आप साफ्टवेयर इस कम्प्युटर में इंस्टाल कर रहे है वह इस कम्प्युटर में सपोर्ट करेगा कि नही
आपरेटिंग सिस्टम के प्रकार- बाजार में बहुत सारी कंपनीयो का अपना आपरेटिंग सिस्टम है जैसे-विन्डोज, लिनक्स, मैक ओएस एक्स, डॉस, आईबीएम ओएस/2 (IBM OS/2), यूनिक्स आदि।
बाजार में विन्डोज आपेरिंग सिस्टम सबसे अधिक इस समय प्रयोग किया जाता है जो माइक्रोसाफ्ट द्वारा बनाया गया है।
मोबाइल के लिए अलग आपरेटिंग सिस्टम है जिसे एंड्रायड आपरेटिंग सिस्टम कहते है।
काम करने के आधार पर आपरेटिंग सिस्टम –
काम करने के आधार पर आपरेटिंग सिस्टम दो प्रकार के होते है
करेक्टर युजर आपरेटिंग सिस्टम जैसे- डॉस, युनिक्स
ग्राफिकल युजरआपरेटिंग सिस्टम जैसे विन्डोज, लाइनक्स