हैलो दोस्ते मैं आप का दोस्त अखिलेश आज आप को नाइस कांसपेंट मे बायोमैट्रिक सिस्टम के बारे में बतायेगें
बायोमैट्रिक सिस्टम
बायोमैट्रिक शब्द दो यूनानी शब्दो से मिल कर बना है ये शब्द बायोस(जीवन) और मैट्रोन (मापन) है।
बायोमैट्रिकि सिस्टम ऐसा सिस्टम है जिसमें लोगो को चेहरे ,आवाज, हाथ तथा अंगुलियो द्वारा पहचान की जाती है।हिन्दी में इसे जैविक विधि भी कहते है।
इसकी जरुरत क्यो पड़ी-
एक समय था जब लोगो की पहचान उनके हाथ के अगुंलियो तथा अगुंठे के छाप से किया जाता था फिर उसके बाद हस्ताक्षर का प्रयोग होने लगा। लेकिन लोगो द्वारा फिंगर प्रिंट तथा हस्ताक्षर की छाया प्रति तैयार कर इसका गलत प्रयोग किया जाने लगा। धीरे धीरे समय में परिवर्तन हुआ। टेक्नालाजी का विकास हुआ जिसकी सहायता से शरीर के विभिन्न पार्ट का स्कैन करके रखा जाता है ताकी सही व्यक्ति की पहचान की जाती है
इस तरह हम इसे कह सकते है कि बायोमेट्रिक सिस्टम
एक ऐसा सिस्टम जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति की युनिक पहचान की जाती है।
यह विभिन्न प्रकार की होती है।
1-फेस स्कैनर
2- हैंड स्कैनर
3-फिंगर स्कैनर
4-आइरिस स्कैनर
5- वायस स्कैनर
बायोमौट्रिक सिस्टम के पार्ट –
बायोमैट्रिक सिस्टम का प्रयोग करने के लिए एक कम्प्युटर सिस्टम अथवा साफ्टवेयर सपोर्टेड डिवाइस होना चाहिए, इसके अलावा वह स्कैनर होना चाहिए जो शरीर के उस पार्ट को स्कैन करता है तथा एक हार्डडिस्क होना चाहिए जो स्कैन करके डेटा को होल्ड कर सके।
बायोमैट्रिक डिवाइस के फायदे
बायोमैट्रिक सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जिसके द्वारा लोगो की युनिक पहचान की जाती है। जिस स्थान पर इस डिवाइस का प्रयोग होता है वहां गलत सूचना न के बराबर होता है।
बायोमैट्रिक सिस्टम का प्रयोग-
विद्यालयो तथा कंपनियों में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए करते है
सुरक्षा के उद्देश्य से इसका प्रयोग बड़ी बड़ी कंपनियो में , संसद भवन , हथियारो की सुरक्षा के लिए, कीमती सामनो की सुरक्षा के लिए, कम्प्युटर तथा मोबाइल में उपस्थिति फाइल तथा फोटो की सुरक्षा के लिए करते है।
आधार कार्ड बनाने के लिए प्रयोग करते है।
राशन की दुकानो पर राशन देने के लिए प्रयोग किया जाता।
मोबाइल की दुकानो पर सिम प्रदान करने के लिए किया जाता है।
निपाह वायरस के बारे में भी जाने
बायोमैट्रिक सिस्टम के प्रयोग से लाभ-
जिसकी सुरक्षा के लिए हम बायोमैट्रिक सिस्टम के प्रयोग वह पूरी तरह से सेफ रहेगा।
बायोमैट्रिक सिस्टम के द्वारा प्रयोग हुए डेटा का कोई भी व्यक्ति डुबलीकेट नही तैयार कर सकता है।
बायोमैट्रिक सिस्टम के प्रयोग से हानि-
जिस वस्तु की सेफ्टी के लिए आपने बायोमैट्रिक सिस्टम का प्रयोग किया है यदि उस की सुरक्षा में जरा सा परिवर्तन होता है तो आप उसे प्राप्त नही कर सकते है।
जैसे- यदि आपने डाक्युमेन्ट की सुरक्षा में फिंगर का प्रयोग किया है तो यदि आप के फिंगर में कोई दिक्कत आ जाती है तो आप फिर उस सुरक्षा को तोड़ नही पायेगें। और डाक्युमेन्ट नही प्राप्त कर पायेगें