मस्तिष्क(Brain)
हर साल सभी लोगो को मस्तिष्क के बारे में जागरुक करने के लिए 22 जुलाई को मस्तिष्क दिवस मनाया जाता है। लोगो को जागरुक इसलिए किया जाता है कि Brain हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। क्योकि मस्तिष्क ही हमारे पूरे शरीर को कंट्रोल करता है। आइये जानते है मस्तिष्क के हर महत्वपूर्ण अंग के बारे में ।
मस्तिष्क शरीर का सबसे जटिल अंग है जिसके लगभग एक अरब तंत्रिका कोशिकाएं होती है। प्रत्येक तंत्रिका कोशिका से 10 हजार से भी अधिक संयोग स्थापित होते है। इसलिए मस्तिष्क को शरीर का सबसे जटिल अंग कहा जाता है। इसके अलावा यह जन्तु के शरीर का केन्द्रीय सूचना एंव प्रसारण अंग है। यह सभी स्तनधारी प्राणियो पाया जाता है । यह खोपड़ी द्वारा सुरक्षित रहता है। इसके करीब वह सभी अंग होते है जो मुख्य ज्ञानेन्द्रियां होती है जैसे- आँख, कान, नाक,जीभ, त्वचा आदि।
अमेरुदण्डी प्राणियों में यह केन्द्रीय मस्तिष्क या गैगलिया के रुप में होता है।
निडारिया एंव तारा मछली में यह केन्द्रीयभूत न होकर इधर उधर फैला रहता है।
मस्तिष्क को शरीर में जितने भी हलचल होते है सब पता होता है। इसलिए मानव मस्तिष्क को पूरे शरीर का नियंत्रण कक्ष कहा जाता है। यह मस्तिष्कोश या क्रेनियम के अन्दर अच्छी तरह सुरक्षित रहता है। जो बाहरी आघातो से बचाता है।इसका औसत भार 1400 ग्राम होता है। जिसके चारो ओर मेनिनजेज का आवरण पाया जाता है। जो बाहरी आघातो व दबाव से बचाता है। यह आवरण भी तीन स्तरो का बना होता है। इसका सबसे बाहरी परत ड्यूरामेटर कहलाता है मध्य परत अरेकनॉइड कहलाता है। तथा सबसे अंदर की परत को पायामेटर कहते है।
इसके तीन भाग होते है-
1-अग्रमस्तिष्क (Forebrain)
2-मध्य मस्तिष्क (Midbrain)
3- पश्च मस्तिष्क (Hindbrain)
1-अग्रमस्तिष्क (Forebrain)-
यह पूरे मस्तिष्क का दो तीहाई होता है।
प्रमस्तिष्क(सेरेबरम),थेलेमस,हाइपोथेलेमस मिलकर अग्रमस्तिष्क का निर्माण करते है।
प्रमस्तिष्क(Cerebrum) –
यह अग्रमस्तिष्क का सबसे बड़ा पार्ट होता है।जो दो भाग दाये और बाए में बटा होता है। दोनो एक दूसरे को नियत्रित करते है। यह संवेदी अंगो (जैसे- आँख, कान, नाक) से सुचना ग्रहण करता है और उनका उत्तर देता है। इसके अलावा मानसिक काम भी यही करता है।
2- डाइएनसिफेलान(Dienciphalon)
सेरीब्रम के पीछे नीचे की तरफ स्थित होता है। इसका काम होता है जनन क्रिया, नीदं व उपचार में मदद करना। पिट्यूटरी ग्रंथी(मास्टर ग्रंथी) और पीनियल काय इसी से निकलती है। थैलेमस औऱ हाइपोथैलेमस इसी के भाग है
थैलेमस(चेतक) –
यह एक ग्रे पदार्थ है।यह हब के रुप में काम करता है जो मस्तिष्क के विभिन्न भाग की जानकारी रखता है और इसे सेरेब्रल कॉर्टेक्स से जोड़ता है यह कई धमनियों से रक्त की आपूर्ति प्राप्त करता है।
हाइपोथैलेमस-
यह शंकु के आकार का होता है।जो शरीर के प्रमुख चयापचय प्रक्रियाओं को नियत्रित करता है जिससे रक्तचाप,भूख,प्यास,और नींद प्रवाहित होती है। इसके इस कार्य को होमोस्टैसिस के रुप में जाना जाता है। यह तंत्रिका तंत्र के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सो की जानकारी प्राप्त करता है। यह पिट्यूटरी ग्रंथि के माध्यम से अंतःस्रावी तंत्र को नियत्रित करता है।
मध्य मस्तिष्क-
इसे विकासशील कशेरुक का क्षेत्र कहा जाता है।इसका काम प्रमस्तिष्क और अनुमस्तिष्क के बीच सम्बन्ध स्थापित करना होता है। इसको मेसेन्सफ्लोन के नाम से जाना जाता है। यह तंत्रिका तंत्र के मुख्य संरचनाओं के साथ सीधा संम्पर्क स्थापित करता है।इसका अग्र भाग धूसर द्रव्य से भरा होता है।
मेसेन्सफ्लोन की दो मुख्य संरचनाए है ये संरचनाए टेक्टम और टेगमेंटम है।
पश्च मस्तिष्क(Hind Brain)-
यह मस्तिष्क का सबेसे पीछे वाला हिस्सा होता है। यह सेरीबेलम व मेडुला आब्लागेटा का बना होता है। सेरीबेलम शरीर के बाहरी भागो का सतुलन बनाये रखता जैसै-लिखना,बोलना,बाहर से अनुभव आदि जबकि मेडुला आब्लागेटा हृदय की धड़कन, रक्तदाब, आहार, या अनैच्छिक कार्यो के लिए जिम्मेदार है।
मस्तिष्क से सम्बन्धित बिमारीया-
सिरदर्द, ब्रेन ट्युमर,पारकिन्शन रोग,डिसलेक्शिया,अल्जाइमर कोमा,मेनिन्जाइटिस,इनसिफेलाइटिस,मिर्गी,कंकशन आदि।
विविध-
मेडुलाओबलागंडा द्वारा परिसंचरण औऱ श्वसन की क्रिया को नियंत्रित किया जाता है।
22 सितम्बर 2013 को विश्व ब्रेन दिवस की शुरुआत हुआ था। लेकिन 22 जुलाई 2014 को पहली बार बिश्व ब्रेन दिवस मनाया गया था।
पार्किसंस रोग ब्रेन से सम्बन्धित है।
इससे 12 जोड़ी नसे निकली होती है।
मस्तिष्क स्तम्भ का वह भाग जो मेरुरन्जु के समीप है उस भाग को मेडुला ओम्लांगाटा कहते है। यह सेरिब्रम से बना होता है।
ब्रेन लगभग 90 प्रतिशत भाग को क्रंट्रोल करता है।
मस्तिष्क जिस सुरक्षात्मक परत से कवर किया जाता है उसे मेनिगेस कहा जाता है।
मस्तिष्क के आगे के हिस्से को फ्रन्टल लोब कहते है। यह फ्रन्टल लोब ऐच्छिक पेशियों पर नियंत्रण करता है।
हमारा ब्रेन तंत्रिका कोशिका का बना होता है।
मानव मस्तिष्क हड्डी के खोल से बन्द होता है जिसे कपाल के नाम से जानते है।
तंत्रिका कोशिका को न्युरॉन सेल कहते है।
मनुष्य के शरीर के सबसे लंबी कोशिका जिसकी लम्बाई लगभग 90 सेंटीमीटर होती है।
न्युरॉन तंत्रिका कोशिका तथा उनके प्रवर्धित तन्तुओं से मिलकर बने होते है
मनुष्य के शरीर की सबसे लम्बी कोशिका को न्युरॉन कोशिका कहते है।
पूरे शरीर को कंट्रोल नर्वस सिस्सटम के द्वारा किया जाता है।
ब्रेन जिसके द्वारा ढका रहता है उसे क्रेनियम कहते है।
क्रेनियम 8 हड्डी का ग्रुप है
क्रेनियम में जो ज्वाइन्ट पाया जाता है उसे फाइब्रस ज्वाइन्ट कहते है।इस ज्वाइन्ट को रेशेदार ज्वाइन्ट कहते है।
मानव मस्तिष्क दुनिया की सबसे कठिन संरचना होती है।
ब्रेन और हड्डी के बीच में एक झिल्ली होती है जिसे मेनिन्जेस कहते है। यह मस्तिष्क की सुरक्षा कवच होती है। जो तीन स्तर में बना होता है।
मस्तिष्क की सबसे बाहरी परत को ड्यूरा मैटर, बीच वाली परत को एरेकनाएड और सबसे अन्दर वाली परत को पाया मैटर कहते है।
इस झिल्ली में कोई दिक्कत होती है तो दिमारी बुखार होता है।
तंत्रिका कोशिका को छोड़कर प्रायः सभी प्रकार के प्राणी में कोशिका के समीप साइटोप्लाजमा में एक तारानुमा रचना दिखाई देती है। इसी को सेन्ट्रोंसोम कहते है।
इसमें लगभग 100 बिलयन न्युरान पाये जाते है जिसमें से 15 बिलियन संक्रिय होते है।
0 से 5 साल के बीच ही लोगो का न्युरॉन सक्रिय होते है। उसके बाद न्युरॉन सक्रिय नही होते है।
मस्तिष्क में आक्सीपिटल बोन, पीछे की तरफ होता है इसका काम है दृश्य संवेदनाओं को ग्रहण करना।
ब्रेन में जो झिल्ली होती है उसमे कभी कभी सूजन आ जाती है यह सूजन बैक्टीरिया की वजह से होती है।
यदि ब्रेन में बैक्टीरिया की वजह से सूजन आता है तो उससे एक बिमारी होता है और इस बिमारी को मिनिंगजाइटिस बिमारी के नाम से जानते है। इसे हिन्दी में दिमागी बुखार के नाम से जाना जाता है।
EEG( electroencephalogram) यंत्र के द्वारा मस्तिष्क की विद्युत संक्रियता की जांच की जाती है। इस जांच में अल्फा बीटा थीटा और डेल्टा किरणों का प्रयोग किया जाता है।