पूर्वोत्तर के असम राज्य में मनाया जाने वाला बिहू त्यौहार Bihu festival celebrated in the northeastern state of Assam-
पूर्वोत्तर का यह राज्य कृषि प्रधान राज्य है यहां के अधिक्तर लोग कृषि पर निर्भर रहते है। हर साल यह फसल होने के बाद 14 अप्रैल को बिहू नामक त्यौहार मनाते है Bihu festival में वह अपने ईस्ट देवता को धन्यबाद देते है। बिहू का यह त्यौहर साल में तीन बार मनाया जाता है लेकिन अप्रैल महीने में पड़ने वाला बोहाग बिहू इनके लिए खास होता है। अप्रैल माह में पड़ने वाला बोहाग बिहू उनके अच्छी फसल होने का शुभ संकेत होता है। हर साल पड़ने वाला बोहाग बिहू खास तो होता ही है लेकिन 2023 का यह शुभ दिन इनके लिए और भी खास हो गया जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके इस खास पर्व में शामिल हो गये । देश के प्रधानमंत्री का इस त्यौहार में शामिल होना असम के लोगो के लिए बहुत खुशी का दिन रहा है इसके अलावा इनकी खुशी और भी बढ़ गयी जब बिहू के इस त्यौहर को गिनीज बुक रिकार्ड में शामिल किया गया जिससे इसको अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली।
गिनीज बुक में शामिल बिहू त्यौहार Bihu festival included in world record –
13 अप्रैल 2023 को गुवाहाटी स्थित सरुसजई स्टेडियम में बिहू डांसर्स और ड्रमर्स ने हिस्सा लिया था। यहां पर इन कलाकारों ने दो अलग अलग रिकार्ड अपने नाम किये
बिहू के इस त्यौहार में 11,304 लोगो ने हिस्सा लिया था। जो आज से पहले कभी नही हुआ।
2548 डुलीयस इससे पहले का रिकार्ड जो 1356 का था उसको तोड़ा।
We have vied for two world records today in Sarusajai:
✅ 11,304 dancers and drummers performed Bihu, a feat never achieved before today
✅ 2548 dhulias performed breaking the earlier world record of 1356 dhols
Great work Team Assam!
(2/2) pic.twitter.com/pen4iYD2lt
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 13, 2023
बिहू के त्यौहार के प्रमुख बिन्दू Important points of Bihu festival-
1-इस त्यौहार को हर साल असम में 14 अप्रैल तो मनाया जाता है।
2-बिहू पर्व के साथ ही शादी –विवाह का कार्यकर्म भी शुरु हो जाता है। इस दिन लड़किया अपनी पसंद के अनरुप जीवनसाथी का चुनाव करती है।
3-14 अप्रैल में असम में बिहू त्यौहार मनाया जाता है। इसी दिन बाबा साहब भीम राव आम्बेडकर का जन्म दिन भी है।
4-बिहू त्यौहार फसल की कटाई से सम्बन्धित है। इस दिन असम के लोग फसल की अच्छी पैदावार के लिए भगवान का धन्यबाद देते है।
5-असम में 7 दिन तक चलता है बिहू पर्व इसे असमी बोहाग बिहू के नाम से जानते है।
इसको रंगोली बिहू और हतबिहू के नाम से भी जाना जाता है।
6- इस उत्सव के पहले दिन गोरु बिहू को पशुओ की पूजा की जाती है।
7- इसके दूसरे दिन को मनुआ (मानव) बहु के नाम से जाना जाता है। लोग नये वस्त्र को धारण करते है।
8- तीसरे दिन लोग अपने कुल देवी देवता की पूजा करते है।
9- यह साल में तीन बार मनाया जाता है लेकिन बोहाग बिहू का विशेष महत्व है जो अप्रैल माह में मनाया जाता है।
10-जनवरी माह के मध्य में भोगाली बिहू मनाया जाता है। इसको माघ बिहू भी कहते है।
11- कार्तिक माह मे मनाया जाने वाला बिहू पर्व को कंगाली या काती बिहू कहा जाता है।
12- इस त्यौहार को ब्रम्हपुत्र नदी जितना पुराना माना जाता है।
संविधान निर्मात के परिवार के बारे में जानते है
सोर्स- अमर उजाला ,दैनिक जागरण, दृष्टि