1-गोलीय दर्पण के ध्रुव से मुख्य फोकस तक की दूरी को दर्पण की फोकस दूरी कहते है। इस f प्रदर्शित करते है।
2-सड़को पर लगे लैम्पों के ऊपर अवतल दर्पण का प्रयोग होता है।
3-अवतल दर्पण में वस्तु का आभासी तथा बड़ा प्रतिबिम्ब बनता है।
4-दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्ध्य़ परास 400-800 नैनोमीटर है।
5-प्रकाश किरण के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर अपने मार्ग से विचलित होने को प्रकाश का अपवर्तन कहते है।
6-ऊष्मा विकिरणों के वेग की गति प्रकाश के बराबर होती है।
7-समतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या अनंत होती है।
8- प्रकाश का बैंगनी रंग जब कांच से गुजरता है तो उसकी गति धीमी हो जाती है।
9-दो समानांतर दर्पणों के बीच अनंत प्रतिबिंब देखे जा सकते है।
10- जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्यग्रहण होता है
11-लाल रंग का विक्षेपण और रंगो से कम होने के कारण जब सूर्य डूबता है तो लाल प्रतीत होता है।
12-जब प्रकाश विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाता है तो उसकी चाल कम हो जाती है।
13-प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण हम लोग सूर्य को वास्तविक सूर्योदय के थोड़ा पहले एवं सूर्यास्त के थोड़ा बाद देख सकते है।
14-लाला तथा हरा रंग को मिलाने से पीला रंग बनता है,
15-लाला, हरा नीला रंग को प्राथमिक रंग कहा जाता है।
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