1-टंगस्टन धातु का उपयोग बल्ब के तन्तुओं के रुप में किया जाता है।
टंगस्टन धातु आवर्त सारणी के छठे अंतवर्ती समूह का तत्व है इसका परमाणु क्रमांक 74 है। इसका संकेत W है।
दूसरे धातु के साथ मिलाने पर इसकी कठोरता बढ़ जाती है। खनिज अम्लो तथा अम्लराज का उसपर कोई प्रभाव नही पड़ता है। |
2-प्लास्टिक की थैली अजैवनिम्नीकृत कहलाती है।
अजैवनिम्नीकृत पदार्थ वो पदार्थ होते है जिनका अपघटन नही हो पाता है यह पदार्थ उद्योगो में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थो से तैयार होते है और बाद में पर्यावरण को क्षति पहुचाते है |
3-जल के विद्युत अपघटन से हाइड्रोजन गैस निकलती है।
जब जल से होकर विद्युत धारा को प्रवाहित किया जाता है तो जल के अणुओ का विघटन हो जाता है ओर हाइड्रोजन और आक्सीजन प्राप्त होता है इसे ही जल का विद्युत अपघटन कहते है। |
4-परमाणु बम नाभिकीय संलयन पर कार्य करता है ।
जब दो या दो से अधिक छोटे छोटे नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक बड़े नाभिक का निर्माण करते है तो इस क्रिया को नाभिकीय संलयन कहते है
तारो में नाभिकीय संलयन हमेशा होती रहती है नाभिकीय संलयन का उपयोग करके हाइड्रोजन बम बनाये जाते है सूर्य के असीमित ऊर्जा का कारण नाभिकीय संलयन ही है |
5-पित्त का निर्माण लीवर में होता है ।
पित्त गहरे हरे या पीले रंग का द्रव है
यह पाचन में काम करता है यह लीवर में सतत बनता है और पित्ताशय में एकत्रित होता है पित्त का PH मान 7.7 होता है पित्त रस क्षारीय होता है। पित्त के कारण ही मल का भुरा रंग होता है |
liver को यकृत जीगर या कलेजा के नाम से भी जानते है।
19 अप्रैल को विश्व यकृत दिवस मनाया जाता है 28 जुलाई को प्रतिवर्ष वल्र्ड हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है हेपेटाइटिस का मतलब होता लीवर में सूजन हो जाना लीवर सबसे बड़ी ग्रन्थि है मानव शरीर का सबसे बड़ा दूसरा अंग है शरीर की खाल मानव शरीर का सबसे बड़ा हिस्सा है हाल ही मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग इंटरस्टिटियम को खोजा गया है अगर ऐसा होता है तो लीवर का स्थान तीसरे पर होगा। व्यस्क मनुष्य के लीवर का वजन 1.3 से 1.6 किग्रा होता है हमारे शरीर में लीवर एक ऐसा अंग है जो फिर जन्म ले सकता है लीवर शब्द की उत्पत्ती ग्रीक शब्द Hepar से हुआ है । |