National Investigation Agency-
देश में बहुत सारी जांच एजेंसी जो अपने अनुसार भारत में या बाहर होने रही अपराधी घटनाओ पर नजर रखती है तथा सरकार या खुद उसे रोकती है या रोकने की कोशिस करती है। इन्ही जांच एजेंसी में से एक है NIA (National Investigation Agency) जो भारत में आतंकवादी गतविधियो रोकती है तथा जो आतंकवादी घटना हुआ है उसकी जांच करती है।
NIA का गठन क्यो हुआ-
वर्ष 2008 में देश की मायानगरी या देश की अर्थव्यवस्था मुम्बई में 26/11 को मुम्बई का माना जाना होटल ताज होटल में आतंकवादी हमला हुआ।
जिसको देखते हुए केन्द्र को एक ऐसी ऐजेंसी जो आतंकवाद या इससे संबन्धित घटनाओं पर नजर रख सके की आवश्यकता महसूस हुई।
इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जाँच एजेंसी अधिनियम 2008 के तहत NIA को 31 दिसंबर 2008 को स्थापित किया गया।
NIA के अधिकार के में बदलाव –
संसद में NIA संशोधन बिल 2019 पास होने के बाद एनआईए को और अधिकार मिल गया
अब एनआईए एटॉमिक एनर्जी एक्ट, 1962 और यूएपीए एक्ट 1967 के तहत अपराधों की जाँच कर सकती है और भी इसको अधिकार दिये गये है जैसे मानव तस्करी, जाली नोट, प्रतिबंधित हथियारो का निर्माण और बिक्री , साइबर-आतंकवाद और एक्सप्लोसिव सबस्टैंस एक्ट 1908 के तहत आने वाले अपराधो जाँच करेगी।
इस बिल के पास होने से एनआईए विदेशों में जाकर भारतीयो के खिलाफ हुए अपराधो की जाँच कर सकती है।
इस बिल यह बताया गया है कि एनआईए को स्पेशल कोर्ट का दर्जा दिया जा सकता है। जिसमें जजो की नियुक्ति उस राज्य के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की सिफारिश पर केन्द्र सरकार करेगी।
NIA को पूरे देश में वह सभी अधिकार है जो पुलिस को है।
केन्द्र सरकार ऐसे मामले जो भारत में घटित हुई है वह NIA को दे सकती है।
एनआई का हेडक्वाटर-
इसका मुख्यालय नई दिल्ली तथा अन्य शाखाएँ लखनऊ, हैदराबाद, कोच्ची, गोवाहाटी,मुम्बई कोलकाता, जम्मी,रायपुर आदि स्थानो पर है।