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National Emergency in India राष्ट्रीय आपातकाल

आपातकाल

जब देश के अन्दर या बाहर किसी से खतरा होता है, या देश को आर्थिक रुप से खतरा रहता है तो आपातकाल लागू किया जाता है।

आपातकाल तीन प्रकार के होते है।

राष्ट्रीय आपातकाल National Emergency

राष्ट्रीय आपातकाल का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 352 में किया गया है जब राष्ट्रीय आपाकाल लागू किया जाता है तो केन्द्र सरकार शर्वशक्तिमान होता है और सभी राज्य केन्द्र के अधीन आ जाता है। युद्ध, बाह्य आक्रमण और सशस्त्र विद्रोह के कारण आपातकाल (अनुच्छेद 352), को राष्ट्रीय आपातकाल के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा संपूर्ण देश अथवा केवल इसके किसी एक भाग पर लागू हो सकती है।

अब तक भारत में तीन बार राष्ट्रीय आपात काल घोषित किया गया है।

अक्तूबर 1962 से जनवरी 1968 तक-चीन द्वारा 1962 में अरुणाचल प्रदेश के नेफा (North-East Fronfier Agency) क्षेत्र पर हमला करने के कारण।

दिसंबर 1971 से मार्च 1977 तक पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध अघोषित युद्ध छेड़ने के कारण।

जून 1975 से मार्च 1977 तक आंतरिक अशांति के आधार पर।

आपातकाल की घोषणा की समाप्ती-

राष्ट्रीपति द्वारा किसी भी समय एक दूसरे उद्धघोषणा से समाप्त किया जा सकता है।

राष्ट्रपति शासन या राज्य में आपात स्थिति(आर्टिकल 356 )

यह स्थित तब आती है जब किसी देश में कोई बाह्य आक्रमण, सैन्य विद्रोह होता है, अथवा उस देश के किसी राज्य में उस राज्य का शासक संविधान में दिये गए निर्देश के अनुसार शासन नही कर पाता है। राष्ट्रपति शासन एक ऐसी संवैधानिक स्थित है जिसमें जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर दिया जाता है। इसके बाद राष्ट्रपति के माध्यम से केन्द्र सरकार का नियत्रण हो जाता है।

इसके दो अन्य नाम से जाना जाता है।

संवैधानिक आपातकाल
राज्य आपातकाल

नोट : संविधान ने किसी राज्य में संवैधानिक संकट पैदा होने की दशा में “आपातकाल” शब्द का प्रयोग नहीं किया है.

अब तक किन राज्ययो में अधिक्तम बार राष्ट्रपति शासन लगा है-

सबसे अधिक 10 बार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा है 9 बार उत्तर प्रदेश तथा जम्मूकाश्मीर में लगा है 8 बार पंजाब और बिहार में लगा है।

हैकिंग के बारे में जानते है

वित्तीय आपात( आर्टिकल 360)

यह आर्टिकल 360 के अन्तर्गत आता है। वित्तीय आपात की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा तब किया जाता है जब राष्ट्रपति को पूर्ण विश्वास हो जाता है कि देश में आर्थिक संकट बना हुआ है जिसके कारण भारत के साख को खतरा है।

भारत में अभी तक वित्तीय आपात काल लागू नही हुआ है। ईश्वर से प्रार्थना करीए कि कभी देश में वित्तीय आपात काल लागू न हो क्योकि जब वित्तीय आपात काल लागू होता है तब देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाती है सरकार दिवालीया होने के कगार पे आ जाता है ऐसा जब होता है तब भारत के हर नागरिक की संपति पर सरकार का अधिकार हो जाता है। सरकार अपने अनुसार उस संपति का प्रयोग करती है।

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