About the metro man-
88 साल के श्रीधरन भारत के मशहूर सिविल इंजीनियर हैं। जो 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे। इनके द्वारा बहुत कम समय में दिल्ली मेट्रो का काम बड़ी कुशलता से पुरा किया गया है इसलिए इनको हम मेट्रो मैन के नाम से जानते है। आइये metro man के बारे में विस्तार से जानते है। 2003 में टाइम पत्रिका नें इनके समय से पहले काम को पूरे करने के नाते एशिया का हीरो बना दिया था। इनके उत्तराधिकारी के रुप में मंगू सिंह की नियुक्ती की गयी थी।
आइये इनके बारे जानने की कोशिश करते है।
श्रीधऱन का जन्म 12 जून 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था। उनके परिवार का सम्बन्ध पलक्कड़ के ‘करुकपुथुर’ से है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पलक्कड़ के ‘बेसल इवैंजेलिकल मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल’ से हुई जिसके बाद उन्होंने पालघाट के विक्टोरिया कॉलेज में दाखिला लिया। उसके पश्चात उन्होंने आन्ध्र प्रदेश के काकीनाडा स्थित ‘गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज’ में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने ‘सिविल इंजीनियरिंग’ में डिग्री प्राप्त की
भारत की पहली मेट्रो रेल की परियोजना-
1970 इन्होने भारत के पहले कोलकाता मेट्रो रेल की योजना बनायी। इस रेल परियोजना के द्वारा भारत ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कदम रखा। 1975 में श्रीधऱन को इस परियोजना से हटा लिया गया।
कोचीन शिपयार्ड –
1979 में इन्होने कोचीन शिपयार्ड ज्वाइन किया । सन 1981 में इनके नेतृत्व में कोचीन शिपयार्ड का पहला जहाज एम.वी.रानी पद्यिनी को प्रस्तुत किया गया।
कोंकण रेलवे-
1990 में इनको सेवानिवृत्त होना था लेकिन सरकार द्वारा इनको कॉन्ट्रैक्ट बेस पर कोंकण रेलवे का चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया गया जहां पर इन्होने कोंकण रेलवे परियोजना को मात्र 7 वर्षों में पुरा किया जो अपने आप एक रिकार्ड था। यह देश की पहली बड़ी परियोजना थी। इर परियोजना की कुल लम्बाई 760 किलोमीटर थी। जिसमें 150 पुलो का निर्माण किया गया। इस परियोजना में 82 किलोमीटर के एक स्ट्रेच में 93 टनल खोदे गए।
दिल्ली मेट्रो-
दिल्ली मेट्रो के निमार्ण कार्य किसी सपने से कम नही लग रहा था लेकिन इन्होने बड़ी कुशलता के साथ बहुत ही कम समय में इसको पूरा करके दिखाया।इनकी इस कुशलता को देखते हुए सरकार द्वारा देश के अन्य शहर में जो मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहे है उसका हिस्सा इनको बनाया।
सम्मान-
इनकी योग्यता को देखते हुए इन्हे भारत सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के पुरस्कार दिये गए।
- 2001 में इनको पद्य श्री से सम्मानित किया गया
- 2008 में इनको पद्य विभूषण से सम्मानित किया गया
- 2008 में इनको डॉ.वाई.नायदुम्मा मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- 2013 में जापान का राष्ट्रीय सम्मान आर्डर ऑफ द राइजिंग सन-गोल्ड एंड सिल्वर स्टार
- इनकी कुशलता को देखते हुए टाइम पत्रिका ने 2003 में एशिया का हीरो बना दिया था।
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