E-RUPI
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अगस्त को E-VOUCHER आधारित एक डिजिटल पेमेन्ट E-RUPI लांच किया है। जो डिजिटल पेमेन्ट की सुविधा प्रदान करता है इस सुविधा का प्रयोग सरकार द्वारा जारी कल्याणकारी योजनाओ के दुरुपयोग को रोकने के लिए किया जायेगा। इस प्लेटफार्म को नेशनल पेमेंन्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने युपीआई प्लेटफार्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है। आइये जानते है भारत सरकार को ऐसी क्या जरुरत पड़ गयी कि बहुत सारे ई पेमेंन्ट होते हुए भी इसे लांच करना पड़ा।
क्या है E-RUPI –
यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें किसी वस्तु या काम का भुगतान आपको QR Code अथवा SMS द्वारा किया जायेगा। इसमें आपको किसी कार्ड डिजिटल ऐप या इंटरनेट बैकिंग की आवश्यकता नही पड़ेगी।
E-RUPI and UPI के बीच अन्तर-
E-RUPI इसकी शुरुआत 2 अगस्त 2021 को की गई है। | जबकि UPI की शुरुआत 11 अप्रैल 2016 को की गई थी। |
इसमें किसी भी प्रकार के रजिस्ट्रेशन की जरुरत नही है। | इसकी सुविधा प्राप्त करने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन की जरुरत पड़ेगी। |
इसका प्रयोग करने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता नही है। | इसका प्रयोग करने के लिए इंटरनेट होना आवश्यक है। |
इसमे उपलब्ध धन का प्रयोग वही कर सकता है जिसके लिए यह जारी होता है | इसके द्वारा किसी भी व्यक्ति को पेमेन्ट कर सकते है। |
इसको जारी NPCI ने किया है | इसको भी NPCI ने जारी किया है। |
देश में इस तरह के बाउचर का प्रयोग पहली बार हो रहा है। E-RUPI बैंक द्वारा जारी किया जायेगा।
इस तरह की सुविधा प्राप्त करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर बैंक से सम्पर्क कर QR Code या SMS सुविधा का मांग करेगा।
सरकार द्वारा यह कहा गया है कि इस तरह की सुविधा का प्रयोग अगर कोई गैर-सरकारी संस्था किसी को उसकी शिक्षा या मेडिकल इलाज में मदद करना चाहती है, तो वे कैश देने की जगह ई-रूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि दान दी गई राशि को केवल बताए गए काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है
सरकार द्वारा इसका इस्तेमाल कहां किया जा सकता है-
सरकार द्वारा E-RUPI के क्युआर कोड तथा एसएमएस का इस्तेमाल एजुकेशन में कर सकती है,मेडिकल के क्षेत्र में, सब्सिडी से समबन्धि चीजो किया जा सकता है।