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मीरा बाई चानू(Meera bai chanu)-

मीरा बाई चानू एक भारतीय खिलाड़ी है जो भारत की तरफ से भारोत्तलन अपने को रिप्रजेन्ट करती है। इन्होने टोक्यो ओलंपिक में 49 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता है। इनके पदक प्राप्त करते है पूरा भारत खुशी से झुम उठा क्योकि Meera bai chanu द्वारा यह पदक भारत के कई साल का भारोत्तलन मे इन्तजार खत्म किया। मीरा के पदक प्राप्त करते ही राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत पूरा देश उनको बधाई दे रहा है।

आइये इनके बारे में जानते है-

मीरा बाई चानू टोक्यो ओलंपिक में भारत की तरफ से पहला रजत पदक हासिल की। जो भारत की तरफ से भारोत्तलम में पहला रजत पदक है।

मीराबाई चानू -49 किलोग्राम में यह पदक प्राप्त किया है।

खेल-  मीरा बाई चानू वेटलिफ्टिंग करती है।

जन्म-

मीरा बाई चानू जिनका पुरा नाम साइखोम मीरा बाई चानू है। इनका जन्म 8 अगस्त 1994 नोगपेंक काकचिंग गांव में हुआ था जो इम्फाल मणिपुर में है। पिता- सैखोम कृति माता का नाम- सैखोम तोम्बी है

बचपन-

Meera bai chanu बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण था ये बचपन से ही भोजन बनाने के लिए लकड़ी की गठ्ठर ढ़ोती थी। मीरा 6 भाई बहनो में सबसे छोटी थी।

अभ्यास-

उन दिनो मणिपुर की वेटलिफ्टर कुंजुरानी देवी वहां की स्टार थी। मीरा ने उसी समय ठान लिया की वह वेटलिफ्टर बनेगी। 2007 में वह प्रैक्टिस शुरु कर दी। उस समय इनके पास लोहे के राड नही थे तो मीरा ने बांस के राड पर प्रैक्टिस करन शुरु कर दी।

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गांव में ट्रेनिंग सेन्टर नही था तो इसके लिए गांव से 50 से 60 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ता था। यह मीरा के लिए बहुत कठिन समय था।

चैम्पियन मीरा-

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11 साल की उम्र में मीरा ने अंडर -15 चैम्पियन बन गयी । जब मीरा 17 साल की हुयी तो जूनियर चैम्पियन बन गयी। 2016 में अपने आइडिया कुंजूरानी का रिकार्ड 192 किलोग्राम उठाकर तोड़ा।

वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप-

2014 के राष्ट्रमंडल खेल में मीरा द्वारा 48 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया गया।

2017 के वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम के अपने वजन में 194 किलोग्राम उठाकर मीरा ने गोल्ड मेडल जीता। 22 साल के इतिहास में ऐसा करने वाली पहली महिला बन गयी थी।

2018 के राष्ट्रमंडल खेल में 48 किलोवर्ग में मीरा ने गोल्ड मेडल जीता था।

विफलता-

मीरा बाई चानू का 2016 के रियो ओलंपिक में उनका प्रदर्शन अच्छा नही था। इनका तीनो प्रयास क्लीन एंड जर्क में तीनो प्रयास असफल रहा जिसकी वजह से मीरा डिप्रेशन में चली

गयी थी। कई हफ्तो तक मनोवैज्ञानिक का सहारा लेना पड़ा था।

पुरस्कार-

2018 में भारत सरकार द्वारा पद्य श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राजीव गांधी खेल रत्न सम्मानित किया गया था।

 

 

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