Global Warming
पृथ्वी पर मौजूद ग्रीन हाउस गैसे जैसे- मीथेन, कार्बन डाय ऑक्साइड , क्लोरो-फ्लोरो कार्बन जब अधिक हो जाता है तो पृथ्वी के औसत तापमान में बृद्धि होने लगती है। जिसे ग्लोबल वार्मिंग कहते है। ग्लोबल वार्मिग यदि बढ़ता है तो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव जन्तु को खतरा है क्योकि इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जायेगा। जिससे अधिक बर्षा होती है जिससे नदि या समुद्र का जलस्तर बढ़ जायेगा। और समुद्र या नदी के किनारे के शहर जलमग्न हो जायेगें। इसे ही हम जलवायु परिवर्तन कहते है। यदि जलवायु में परिवर्तन होता है तो बाढ़, तुफान, आग लगना,सूखा, बिमारीयां कई तरह की मुसीबते आती है।
पृथ्वी पर ग्रीन हाउस गैस( Green House Gas on the Earth)-
पृथ्वी पर ग्रीन हाउस गैस वातावरण में प्राकृतिक रुप से पाया जाता है। ग्रीन हाउस गैसो में सबसे प्रमुख गैस कार्बन डाई आक्साइड को माना जाता है जिसका रासायनिक सुत्र CO2 है।
कार्बन डाई आक्साइड- यह एक रंगहीन तथा गंधहीन गैस है। जो पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक है। यह धरती पर प्राकृतिक रुप में पाया जाता है। मानव द्वारा इसका उत्सर्जन अधिक करने से धरती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। यदि मानव इस पर कंट्रोल नही किया तो इसका बहुत ही भयावह परिणाम होगा।
मीथेन-
यह एक रंगहीन तथा गंधहीन गैस है। इसका रासायनिक सूत्र CH4 होता है। ईधन के रुप में उपयोग किया जाता है। यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है। यह भी एक ग्रीन हाउस गैस है। जो कार्बन डाई आक्साइड से 25 गुना अधिक ताप बढ़ाता है। नेचर में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में मीथेन लीक के बारे में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाइयां करीब 40 फ़ीसदी मीथेन उत्सर्जन करती हैं।
नाइट्रस ऑक्साइड-
इस हम प्रायः हास या लाफिंग गैस के रुप में जानते है। यह एक रंगहीन अज्वलशील गैस है। इसाक प्रयोग सामान्यतः निश्चेतना या दर्द से राहत देने के लिए करते है। नाइट्रस ऑक्साइड का कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत उत्पादन स्वंय मनुष्य ही करता है।
इसके अलावा और भी बहुत सारी गैसे है। जो Global Warming के जिम्मेदार है। जैसे- जल वाष्प,फ्लुओरीनीकृत गैसें,क्लोरोफ्लोरोकार्बन, हाइड्रो फ्लोरोकार्बन,पर फ्लोरोकार्बन, सल्फर हक्साक्लोराइड
इसके अलावा इसके सबसे अधिक जिम्मेदार मनुष्य है। जो इन गैसो को आवश्यकता से अधिक उत्पादन करता है
ग्लोबल वार्मिंग के कारण-
ग्लोबल वार्मिग लिए सबसे अधिक जिम्मेदार मनुष्य खुद है। मनुष्य अपने आराम के लिए प्रकृति को हानि पहुचा रहा है। आइये देखते है किसके द्वारा मनुष्य कितना गैस का उत्पादन करता है।
इन सभी का प्रयोग करके मनुष्य उन गैसो का उत्पादन करता है जो ग्लोबल वार्मिंग का जिम्मेदार है यदि समय रहते विश्व के सभी मुख्य नेता इस पर विचार नही करते है तो इसका परिणाम भयावह होगा। आइये जानते 5 मुख्य देश जो ग्लोबल वार्मिग का जिम्मेदार है
Global peace Index के बारे में जाने की भारत किस स्थान पर है
वर्ड मिटियोरॉलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार कुछ मुख्य गैसे हो जो ग्लोबल वार्मिंग की जिम्मेदार है। इन गैसा(कार्बन डाइ आक्साइसड,मीथेन,नाइट्रस ऑक्साइड) का उत्पादन औद्योगिक युग की शुरुआत के बाद सबसे अधिक हुआ है
विश्व के 5 सबसे अधिक प्रदुषण फैलाने वाले देश-
युरोपीय आयोग और नीदरलैंड पर्यावरण आकलन एजेंसी द्वारा जारी किये गये एडगर डेटाबेस के अनुसार विश्व में सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाला देश चीन है तथा प्रति व्यक्ति सवार्धिक कार्बन उत्सर्जन करने वाला अमेरिका है।
सर्वाधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले देश |
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चीन प्रति वर्ष लगभग 10,641 मिलियन मीट्रिक टन का उत्सर्जन करता है | चीन दुनिया का 30 प्रतिशत अकेले कार्बन का उत्सर्जन करता है। |
अमेरिका प्रति वर्ष लगभग 5414 मिलियन मीट्रिक टन का उत्सर्जन करता है। | अमेरिका दुनिया का 15 प्रतिशत अकेले कार्बन का उत्सर्जन करता है। |
भारत प्रति वर्ष लगभग 2274 मिलियन मीट्रिक टन का उत्सर्जन करता है। | भारत दुनिया का 7 प्रतिशत अकेले कार्बन का उत्सर्जन करता है। |
रुस प्रति वर्ष लगभग 1,617 मिलियन मीट्रिक टन का उत्सर्जन करता है। | रुस दुनिया का 4 देश है जो 5 प्रतिशत अकेले कार्बन का उत्सर्जन करताहै। |
जापान प्रति वर्ष लगभग 1,237 मिलियन मीट्रिक टन का उत्सर्जन करता है | जापान दुनिया का 5 देश है जो 4 प्रतिशत कार्बन का उत्सर्जन करता है। |
विश्व में प्रतिव्यक्ति कार्बन के उत्सर्जन के मामले