Karnataka (कर्नाटक) –
यह दक्षिण भारत का एक राज्य जो अरब सागर के तट पर बसा है जिसे मैसूर के नाम से जाना जाता था। इसका भौगोलिक नाम धारवाड़ है। इसका गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया था। 1973 में इसका पूनः नाम Karnataka कर दिया गया। यह प्राकृतिक रुप से बहुत ही समृद्धि राज्य है। इसको इतिहास के नजर से देखे तो इस राज्य में बहुत सारे ऐतिहासिक धरोहर है।
हाईकोर्ट-
कर्नाटक हाईकोर्ट का मुख्यालय राजधानी बंगलौर में स्थित है। जब यह मैसूर नाम से जाना जाता था उस समय 1881 में इसकी स्थापना मुख्य न्याधीश के साथ किया गया था। स्वाधीनता प्राप्त करने के बाद कर्नाटक राज्य के प्रथम मुख्यन्याधीश एच जे कानिया थे। इनकी न्युक्ति 26 जनवरी 1950 को हुआ था। वर्तमान में इसके मुख्य न्यायधीस श्री एन. वी. रमण है।
कर्नाटक राज्य की सीमा-
कर्नाटक राज्य की सीमा 6 राज्यो से मिलती है। कर्नाटक राज्य के पश्चिम में अरब सागर है। पूर्व में आन्ध्र प्रदेश उत्तर में महाराष्ट्र दक्षिण में केरल दक्षिण पूर्व में तमिल नाडु तथा उत्तर पश्चिम में गोवा, उत्तर पूर्व में तेलंगाना से मिलती है।
कर्नाटक राज्य का राज्य प्रतीक-
जिस प्रकार सभी राज्य अपनी पहचान के रुप में जानवरो में किसी एक जानवर को इंगित किया तथा फुलो में किसी एक फुल को इंगित किया उसी प्रकार कर्नाटक राज्य द्वारा अपने पहचान के रुप में निम्न को इंगित किया है।
राजकीय पशु | हाथी |
राजकीय वृक्ष | चंदन |
राजकीय फूल | कमल |
राजकीय पक्षी | भारतीय रोलर |
राजकीय भाषा | कन्नड़ |
कर्नाटक राज्य में जिले-
Karnataka राज्य में कुल 30 जिले है। जो इस प्रकार है बंगलुरु शहरी,बंगलूरु ग्रामीण,बीजापुर, गडग, चामराजनगर,बागलकोट,बेलगाम, शिमोगा,मैसूर,रायचूर,तुमकुर,उडुपी, दक्षिणी कन्नड़,उत्तर कन्नण, धारवाड़,यादगीर,गुलबर्ग,कोडग,चिकमंगलूर,हसन,कोलार,मांड्या,बीदर,चित्रदुर्ग,रामनगर,दावणगिरि,हवेरी,कोप्पल,बेल्लारी , और चिकबल्लपुर।
कर्नाटक राज्य में नदी-
किसी भी राज्य के विकास में नदीयों का योगदान सबसे अधिक होता है आइये जानते है कर्नाटक राज्य में कौन-कौन सी मुख्य नदी है।
काली नदी | कावेरी नदी | तुंगभद्रा | कृष्णा | भीमा |
काली नदी-
कर्नाटक राज्य में बहने वाली यह नदी पश्चिमी घाट से निकल कर अरब सागर में मिलती है। यह नदी उत्तरी कनार जिले से होकर बहती है जहां पर यह लगभग 4 लाख लोगो की जीवन रेखा है। इस नदी पर बिजली उत्पादन के लिए कई बाँध बनाये गये है।
कावेरी नदी-
यह नदी कर्नाटक तथा तमिलनाडु दोनो राज्य में बहती है यह लगभग 800 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इसका उदगम स्थान ब्रह्मगिरी पर्वत है और बंगाल के खाड़ी में जाकर मिलती है। इसके जल को लेकर दोनो राज्य के बीच काफी विवाद रहा इस विवाद को कावेरी जल विवाद कहते है। इसके डेल्टा पर अच्छी खेती होती है। इसे दक्षिण भारत की गंगा भी कहते है। इस नदी पर हिन्दु का पवित्र स्थआन
तुंगभद्रा-
तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारत में बहने वाली पवित्र नदी है। कर्नाटक से बहते हुए आन्ध्रप्रदेश की में बहने वाली कृष्णा नदी में मिल जाती है। रामायण काल में इस नदी को पंपा के नाम से जाना जाता था। इस नदी का जन्म दो नदी तुंगा तथा भद्रा के मिलन से हुआ है। आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित श्रृंगेरी मट्ठ तुंगा नदी के बांई तट पर बना है। विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही हंपी भी इसी के किनारे स्थित है। हम्पी के नजदीक ही तुंग तथा भंद्रा का संगम होता जिससे तुंगभद्रा का जन्म होता है।
कृष्णा नदी-
यह नदी कर्नाटक,महाराष्ट्र,तेलंगाना,आन्ध्रप्रदेश आदि राज्यो में बहती है। यह पश्चिमी घाट का पर्वत महाबलेश्वर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में जाकर गिर जाती है। इस नदी से तुंगभद्रा, भीमा, कुडानी,वेना, कोयना, पंचगंगा,दूधगंगा,घाटप्रभा,मालप्रभा और मूसी आदि सहायक नदी है।
भीमा नदी-
यह नदी महाराष्ट्र, Karnataka ,व तेलंगाना आदि राज्यो से होकर बहती है। इसकी उदय पश्चिमी घाट के भीमशंकर पर्वतश्रेणी से होता है। इसकी सहायक नदी सीना और नीरा नदी है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 861 कि.मी. है। इसे महाराष्ट्र में सह्माद्री कहते है। इस नदी पर 22 बाँध बनाये गये है।
झील-
कर्नाटक में उपस्थित झील बेलान्दुर झील (कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु ) में कई बार जहरीला झाग निकलने की सिकायत हो चुकी है।इसके अवाला कर्नाटक में और भी झीले है जैसे-पंपा सरोवर,उंक्कल झील,कुक्करहल्ली झील,कावेरी भीमेंश्वर आदि।
पर्यटन स्थल-
पर्यटन के मामले में Karnataka दक्षिण भारत का प्रिसद्ध जगह है यहां पर बहुत सारे दर्शनिय स्थल है जिनकी खुबी देखते बनती है इसी वजह से पुरे विश्व में इसकी पहचान है।
आइये जानते है। यहां के पर्यटन स्थल के बारे में –
हम्पी-
यह विजयनगर राज्य की राजधानी हुआ करती थी। रख रखाव न होने से यह अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। यहां पर मंदिर,महल,शाही मंडप,चबुतरे, जल खंडहर, और भी बहुत सारे इमारते यहां मिली है। इसके घाटियो और टीलो के बीच में पाँच सौ से अधिक स्मारक चिन्ह प्राप्त हुए है। तुंगभद्रा नदी के किनारे पर किया गया है। आइये इसके प्रमुख विन्दु के बारे में जानते है।
हम्पी रथ-
यह भारत में पत्थरो से निर्मित वास्तुकला का अदभुत नमुना है क्योकि पत्थर को तरासकर रथ के ऊपर मंदिर का निर्माण किया गया है। और भारत में पत्थर से निर्मित तीन रथो में से एक है। एक उड़ीशा तथा दूसरा तमिलनाडु में है।इसका निर्माण राजा कृष्णदेव राय के आदेश पर किया गया था।
डिजाइन-
द्रविण शैली में निर्मित रथ पर नक्काशी की गई है जिसमे पौराणिक युद्ध के दृश्य दिखाये गये है।
हम्पी के संस्थापक-
इसके संस्थापक हरिहर प्रथम बुक्काराय थे।
हम्पी की राजधानी-
यह विजनगर साम्राराज्य की राजधानी थी। यह 1336 से 1565 तक इसकी राजधानी था।
हम्पी को किस नोट पर स्थान मिला-
भारत सरकार द्वारा हम्पी के रथ को 50 रुपये के नोट पर स्थान दिया गया है।
हम्पी को विश्व धरोहर-
हम्पी शहर को युनेस्को द्वारा 1986 में विश्व धरोहर में सामिल किया गया। यह विश्व का सबसे बड़ा ओपेन एयर संग्रहालय भी है।
जोग्स फाल्स-
पर्यटन के नजर से Karnataka लोगो का काफी पंसदीदा स्थान है। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा झरना है। इस झरने की ऊचाई 830 फीट है। इस झरने की खुबसुरती तब और बढ़ जाती है जब मानसून की वारिस होती है।
महाबलेश्वर मंदिर, | मैसूर पैलेस | बादामी में गुफा मंदिर | मैंगलोर | संगनकल्लू | दरिया दौतल बाग | मुरुदेश्वर तट | लाल गुड़ी फाल्स |
इसके आलवा और भी यहां पर्यटन स्थल है। जैसे-
नेशनल पार्क-
Karnataka भारत के प्रमुख पर्यटक राज्यो में से एक है। आइये कर्नाटक के कुछ नेशनल पार्क बारे में जानते है।
बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान | नागर होल राष्ट्रीय उद्यान | अंशी राष्ट्रीय उद्यान डांडेली | कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान | रंगनाथिटू पक्षी अभयारण्य़ |
बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान-
यह राष्ट्रीय उद्यान 874 वर्ग किमी में फैला है। बादीपुर राष्ट्रीय उद्यान में सागौन तथा चन्दन के पेड़ो की विस्तृत श्रृंखला है। इस राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 70 बाघ तथा 3000 से अधिक हाथियो के साथ साथ और भी बहुत से जीव जैसे- भालू, तेंदुआ,ढोल, और भी बहतु से जानवरो के साथ साथ विभिन्न प्रकार की पक्षीयां है।
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान-
यह Karnataka का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान है। 1988 में इसे राष्ट्रीयकृत किया गया था। इसे टाइगर रिजर्व के रुप में घोषित किया गया था। नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में बाघ,हाथी, भालू, हिरण चार सिंग वाले मृग,जंगली सूअर, 250 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां रहती है।
अंशी राष्ट्रीय उद्यान डांडेली-
इस राष्ट्रीय उद्यान को काली टाइगर रिजर्व भी कहा जाता है। अंशी राष्ट्रीय उद्यान पहले यह डांडेली वन्यजीव अभयाण्य का हिस्सा था।यह राष्ट्रीय उद्यान 340 वर्ग किलो मीटर में फैला है। इन उद्यान में 197 से अधिक पक्षियो की प्रजाती भी पायी जाती है इसके अलावा इसमें विभन्न प्रकार के जानवर जैसे- भालू, गिलहरी,भारतीय बाइसन आदि।
कुद्रे मुख राष्ट्रीय उद्यान-
यह राष्ट्रीय उद्यान 600 वर्ग किमी मे फैला है। इस उद्यान को 1987 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है। यह उद्यान विभिन्न प्रकार के जानवरो के साथ साथ विभिन्न प्रकार के पक्षीयो का निवास स्थान है। इसे उद्यान पौधो के विभिन्न प्रजातियो के लिए जाना जाता है। जो लोग प्रकृति से प्रेम करते है हर साल वो लोग यहां जरुर आते है।
रंगनाथिटू पक्षी अभयारण्य़-
यह राज्य का सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है जो श्रीरंगपटना में स्थित है।यह कावेरी नदी के तट पर स्थित है। यहां पर पक्षीयो की दुर्लभ प्रजातिया मौजूद है।
कर्नाटक की लोकप्रिय वस्तुएं-
यहां पर हस्तशिल्प की विस्तृत श्रृंखला है। जिसका प्रयोग लोग अपने आप को तथा अपने घरो को सजाने के लिए करते है। ये वस्तुए निम्न प्रकार है। जैसे-
बीजापुर का हैडलूम | चंदन की मुर्तिया | मैसूर की सिल्क साड़ी | तटीय कर्नाटक के उड्डपी व्यजंन |
लंबानी ज्वेलरी | चंदन की लकड़ी का तेल | अगरबत्ती | धातु, पत्थर, तथा लकड़ी की वस्तुए |
कर्नाटक के कुछ रोचक तथ्य-
सिर्सी सुपारी जो कर्नाटका में उत्पादित किया जाता है इसको जीआई टैग मिला हुआ है। ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी सुपारी को टैग मिला हुआ है। इसको 4 मार्ट 2019 को जीआई टैग दिया गया था।
Karnataka की राजधानी बंगलौर को सिलीकान वैली के नाम से जानते है।
हुबली रेलवे स्टेशन कर्नाटक में है।
मुलयनगिरी शिकर यहां का सबसे बड़ा पर्वत है जो 1930 मीटर ऊचा है।
टीपू सुल्लात को शेरे मैसूर के नाम से जाना जाता था।
कर्नाटक की प्रथम महिला राज्यपाल वी.ए. रामादेवी थी।
अभी तक सबसे ज्याद ज्ञानपीठ अवार्ड लोगो को मिल चुका है।
इसरो का मुख्यालय बंगलौर में जिसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को किया गया था।
कित्तुर की रानी चेनम्मा ने 1811 में डॉक्ट्रिन ऑफ लेप्स का विरोध किया था। इनका नाम भारत के उन शासको में लिया जाता है जो स्वतंत्रता के लिए सबसे पहले संघर्ष किये थे।
बहुत सारे बैंक का हेडक्वाटर भी यहां पर जैसे- केनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक, कार्पोरेशन बैंक, विजया बैक,कर्नाटका बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर।
कृष्णा राजा सागर डैम कावेरी नदी पर बना है इसका निर्माण 1924 में किया गया था।
हेमावती डैम जो हेमावती नदी पर बना है।इसका निर्माण 1979 में किया गया था।
कर्नाटक खादी ग्रामोउद्योग भारत का एक मात्र उद्योग जो अथराइज है भारत का झंडा बनाने के लिए।
कर्नाटक का मुख्य लोकनृत्य-यक्षगान, कुनीता कर्गा, लाम्बी यक्षगान यहां का राज्य नृत्य है।
कर्नाटक का कोलार खान सोने की खान के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला बंगलौर के उत्तर पूर्व में स्थित है।
पुराणों में बंगलौर का कल्याणपुरी के नाम से जाना जाता था।
राजधानी– बंग्लौर
प्रथम राज्यपाल– श्री जयचमराजा वोडेयार बहादुर जी
राज्यपाल-थावर चन्द गहलौत
प्रथम मुख्यमंत्री- श्री के चेंगलाराय रेड्डी जी
वर्तमान मुख्यमंत्री– बसवराज बोम्मई
विधानसभा– 224
लोकसभा– 28
राज्यसभा-12
Thank you sir ?