हर पिता के लिए गर्व की बात होगी की जिस पद की गरिमा को हमने सुशोभित किया था आज उस पद पर मेरा बेटा बैठेगा।
50वें मुख्य न्यायधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की जीवनी 50th chief justice Dhananjaya yasvant chandrachud biography-
तीन महीने में तीन chief justice को हमारे देश ने देखा । सबसे पहले अगस्त माह में 48वें नम्बर के मुख्य न्यायधीश के रुप में जस्टिस एनवी रमण रिंटायर हुये थे। इसके बाद 49 वें न्यायधीश के रुप में यु यु ललीत की इस पद पर नियुक्ती हुयी इन्होने भी अपने ढाई महीने के कार्यकाल में लगभग 23 हजार मुकदमो का निपटारा करके 8 नवम्बर को रिटायर हो गये। अब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को भारत के 50वें प्रधान न्यायधीश के रुप में नियुक्त किया गया है । इनका शपथ ग्रहण देश के राष्ट्रपति द्वारा दिलाया गया है। इस पद पर नियुक्त होने के बाद देश प्रधानमंत्री द्वारा बधाई दी गयी। आइये सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायधीश का नियुक्त होने के बाद इनके बारे में विस्तार से जानते है।
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ कौन है Who is the D. Y.Chandrachud
D.y. Chandrachud जो की वर्तमान भारत के मुख्य न्ययाधीश बने है इनका शपथ ग्रहण देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 9 अक्टूबर 2022 को कराया गया है। इनका कार्यकाल 10 नवम्बर 2024 तक होगा। इससे पहले ये सुप्रीमकोर्ट के जज के रुप में काम किया था जो 13 मई 2016 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज के रुप में नियुक्त हुये थे। सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त होने से पहले ये इलाहाबाद और बाम्बे हाई कोर्ट के न्यायधीर के रुप में काम किया था।
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के बारे में About the D. Y.Chandrachud-
देखा जाय तो न्याय विभाग में यह इनकी दुसरी पीढ़ी है इससे पहले इनके पिता भी देश के सुप्रीम कोर्ट के Chief justice के रुप में काम कर चुके है जो देश के 16वें मुख्य न्यायधीश थे। इनके पिता के नाम देश का सबसे लंबे समय तक मुख्य न्यायधीश के रुप में काम करने का रिकार्ड है। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनका बेटा भी उस पद पर आसीन हो रहा है। आइये इनके बारे में जानते है –
जन्म- 11 नवम्बर 1959
पिता नाम- यशवंत विष्णु चंद्रचुड (पूर्व चीफ जस्टिस)
माता का नाम-प्रभा शास्त्रीय संगीतज्ञ हैं।
शिक्षा-
बीए- दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में
LLB – दिल्ली युनिवर्सिटी
लॉ मास्टर्स डिग्री-हावर्ड युनिवर्सिटी
न्यायिक विज्ञान मास्टर्स डिग्री हावर्ड युनिवर्सिटी
कैरियर-
29 मार्च 2000 को बम्बई हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त
31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश नियुक्त किये गये।
13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया जज नियुक्त किये गये।
9 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज नियुक्त किये गये।
इनके द्वारा दिये गये फैसले-
6 सितम्बर 2018 को समलैगिंगता को अपराध के श्रेणी से बाहर करना। यह फैसला इनके साथ साथ दीपक मिश्रा,जस्टिस रोहिंटन नरीमन,Chief justice एएम खानविल्कर औऱ जस्टिस इंदु मलहोत्रा थे।
निजता का अधिकार पर फैसला जब हुआ तो इस खंडपीठ के हिस्सा थे। पीठ ने कहा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए जीने के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है. संविधान पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के उन दो पुराने फ़ैसलों को ख़ारिज कर दिया, जिनमें निजता को मौलिक अधिकार नहीं माना गया था
अविवाहित या अकेली गर्भवती महिलाओ को 24 सप्ताह तक गर्भपात करने का अधिकार दिये।
पहली बार मेरिटल रेप को परिभाषित करते हुए यदि पति द्वारा जबरन संबंध बनाया जाता है तो गर्भवती महिलाओ को न्याय का अधिकार दिया।
इनके द्वारा महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में कथित रूप से जो हिंसा भड़काने के आरोपी पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से संबंधित एक मामले में भी असहमति जताई थी ।
कोरोना काल में कोराना से पीड़ित होने के बाद भी इन्होने घर से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए फैसले किये।
भारत के प्रसिद्ध डैम के बारे में जानते है