कम्प्युटर के इस भाग में हम इंटरनेट internet के बारे में शुरुआत कर रहे है इंटरनेट का यह भाग उन सभी विद्यार्थीयो के लिए उपयोगी होगा जो विभिन्न परीक्षा जैसे ccc, Bank, Railway, ssc , governmet job and private job की तैयारी कर रहे है अथवा यह उनके लिए भी उपयोगी होगा जो Academy Class में है या computer से सम्बन्धित किसी कक्षा में पढ़ रहे है।
इंटरनेट Internet –
आज यदि आप इस टॉपिक के बारे में पढ़ रहे है तो दोस्तो यह सम्भव हुआ है इंटरनेट Internet के माध्यम से क्योकि यह इंटरनेट के द्वारा ही हम सुचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का काम करते है।इंटरनेट आज के समय में लगभग हर व्यक्ति की जरुर बन गया है चाहे वह इसका प्रयोग करे या न करे लेकिन किसी न किसी रुप में इसकी आवश्यकता उसको पड़ ही जाती है। इसलिए कहा जा सकता है की इंटरनेट आज के समय में लगभग हर व्यक्ति प्रयोग कर रहा है। क्या होता है यदि इंटरनेट न होता क्या जिन्दगी इतनी तेज दौड़ती। क्या लोगो को इतना जल्दी इन्फार्मेशन प्राप्त होता है। क्या जीवन इतना आन्नद पूर्ण होता और भी बहुत सारी चीजे जो इंटरनेट से लोगो को प्राप्त होता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेगें।
इंटरनेट क्या होता है What is internet –
नेटवर्क का ऐसा जाल जो एक प्रोटोकाल के माध्यम से पूरे विश्व में सुचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है।
Internet का फुलफार्म inter networking होता है और इसको हम शार्ट फार्म में नेट के नाम से जानते है। हिन्दी में इसको अंतरजाल के नाम से जानते है।
नोट- नेटवर्क – एक से अधिक डिवाइस को कम्युनीकेट करने के लिए जिस माध्यम से कनेक्ट करते है तो इसको नेटवर्क कहते है।
इंटरनेट की खोज Invention of Internet –
इन्टरनेट की खोज का श्रेय अमेरिका की डिफेन्स डिपार्टमेन्ट को जाता है । जो अपनी सुचनाओ को तेजी से डिफेन्स डिपार्टमेन्ट में शेयर करना चाहते थे। क्योकि 1960 से पहले कम्प्युटर की साइज बहुत बड़ी होती थी जिससे उनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले कर नही जा सकते थे और सूचनाओ को शेयर करने के लिए इंटरनेट का कनेक्शन भी नही था। इसलिए अमेरिका ऐसी तकनीक पर विचार कर रहा था की यदि परमाणु हमला भी हो जाय तो सुचनाओ का आदान प्रदान न रुके। इसके लिए अमेरिका की रक्षा विभाग एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी द्वारा ARPA की स्थापना किया गया था और आरपा के वैज्ञानिको ने 1960 में दुनिया का पहला नेटवर्क बनाया जिसका इन्होने नाम दिया आरपानेट इसके लिए आरपा ने टेक्निकल कंपनी BBN Technologies मदद ली थी। इन दोनो का मकसद था की चार अलग अलग आपरेटिंग सिस्टम वाले चार अलग अलग कम्प्युटर को एक सिग्नल नेटवर्क के साथ कनेक्ट करना। जिसका नाम इन्होने आरपानेट रखा। इस आरपानेट का प्रयोग लगभग 20 साल तक अनुसंधान, शिक्षा और रक्षा विभागो में ही होता रहा। 1989 में जब यह जनता के लिए खोला गया तो इसमें व्यापक वृद्धि हुयी।
इंटरनेट के प्रकार Type of internet –
इंटरनेट को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए विभिन्न संरचना के द्वारा भेजा जाता है।
- EPN
- VPN
- SAN
- PAN
- LAN
- MAN
- WAN
भारत में इंटरनेट की शुरुआत Start of Internet –
भारत में इंटरनेट की शुरुआत BSNL द्वारा टेलीफोन लाइन के द्वारा 15 अगस्त 1995 को किया गया था। जब इसकी शुरुआत किया गया था तब केवल 20 से 30 कम्प्युटर जुड़े थे।
विविध–
- आरपा द्वारा नेटवर्क बनाने का ठेका बोल्ट बेरानेक और न्यूमैन को दिया था। जिन्होने नेटवर्क के लिए पहला प्रोटोकाल विकसित किया था।
- आरपानेट से पहले सिर्फ टेलीफोन नेटवर्क था जो सर्किट स्वीचिंग तकनीक पर काम करता था।
- इंटरनेट की खोज का श्रेय लियोनार्ड क्लेरॉक को जाता है।
- इंटरनेट का विकास सर्वप्रथम अमेरिका के कैलिफोर्निया ने हुआ था।
- आम जनता इंटरनेट के बारे में 3 जुलाई 1969 को परिचय कराया गया था।
- 2 सितम्बर 1969 को पहला डेटा कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉस एजिल्स को भेजा गया था।
- पहला इंटरनेट संदेश कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉस एजिल्स से स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के कम्प्युटर को भेजा गया था।
- आरपानेट का पहला व्यावसायिक वर्जन टेलनेट है। जो 1974 में विकसित किया गया था।
- आरपानेट से अधिक से अधिक लोगो को जोड़ने के लिए TCP/IP माडेल को प्रस्तुत किया गया था।
- इंटरनेट संचार प्रोटोकाल (IETF) इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- ब्रिटिश डाकघऱ द्वारा 1979 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय कम्प्युटर नेटवर्क का उपयोग कर नई प्रोद्योगिकी की शुरुकिया था।