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About the computer language in hindi

कम्प्युटर लैग्वेंज Computer Language –

कम्प्यटर किसकी भाषा समझता है कही आप ऐसा तो नही सोचते की हम हिन्दी में लिखते है तो वह हिन्दी समझता है या फिर इंग्लिस में लिखते है तो अमेरिकन या फिर अंग्रेज की या फिर चाइना वाले चाइनी में लिखते है तो चाइनीज की या फिर मुस्लिम लोग ऊर्दू में लिखते है तो मुश्लिम देशो की यदि आप ऐसा समझते है तो आप गलत है तो फिर यह कौन सी लैग्वेज समझता है कम्प्युटर के इस भाग में हम कम्प्युटर भाषा (computer language) इसी को जानेगें कि

कम्प्युटर लैग्वेंज क्या होता है What is the computer language –

कम्प्युटर लैग्वेंज वह लैग्वेज होती है जिसके द्वारा कम्प्युटर कम्प्युटर से सम्बन्धित डिवाइस से कम्प्युनीकेट करता है। उसे हम कम्प्युटर लैग्वेज कहते है।

कोई भी कम्प्युटर या कम्प्युटर से संबन्धित डिवाइस सिर्फ एक भाषा समझता है उस भाषा को मशीन भाषा कहते है। यह मशीन भाषा 0 और 1 कहलाती है।

कम्प्युटर लैग्वेज के प्रकार Type of Computer language-

कम्प्युटर लैग्वेज तीर प्रकार का होता है

मशीन लैग्वेज machine langugae-

वह लैग्वेज जिसे कम्प्युटर आसानी से समझता है उस लैग्वेज को मशीन लैंग्वेज कहते है। या लो लेवल लैग्वेज कहते है। यह मशीन लैंग्वेज 0 और 1 होता है। इस लैग्वेज को समझने के लिए कम्प्युटर को किसी अनुवादक की जरुरत नही पड़ती है। यह जो मशीन लैग्वेज है इसे कम्प्युटर की भाषा में या सांकेतिक भाषा में बाइनरी नम्बर कहते है। इस बाइनरी नम्बर में 0 का मतलब कम्प्युटर ऑफ समझता है और 1 का मतलब ऑन समझता है।

बाइनरी नम्बर को कम्प्युटर आसानी से समझ सकता है लेकिन एक मनुष्य इसको आसानी से समझ नही सकता है।

असेंबली लैग्वेज Assembly language-

मशीन लैंग्वेज को समझना एक प्रोग्राम को समझना काफी कठिन था। जिससे यदि इसमे कोई error आ जाता था तो इसका हटाना या समझना कहा गलति है बहुत ही ठफ था। इसको आसान बनाने के लिए असेंबली लैंग्वेज का विकास किया गया। इस लैग्वेज को एक प्रोग्रामर मशीन लैग्वेज की अपेक्षा आसानी से समझ लेता था। लेकिन मशीन इसको नही समझ पाता था। अब इस असेंबली लैग्वेज को मशीन लैग्वेज में बदलने के लिए एक असेंबलर बनाया गया यह असेंबलर इस असेंबली लैग्वेज को मशीन लैग्वेज में बदल देता था। इस लैग्वेज में अंकीय चिन्हो के स्थान पर अक्षरो और चिन्हो का प्रयोग किया गया है। इसलिए इसको Symbol language भी कहा जाता है। इसके अलावा इसको नेमोनिक कोड के नाम से भा जाना जाता है। इसमे प्रयोग किये जाने वाले कोड- STA,LDA,JMP,RTS,CMP,BMI,BLE ,MOVetc

प्रोग्रामर के द्वारा अक्षरो और सिम्बल के प्रयोग करने के कारण इसमे गलतियो को ढुढना मशीन लैग्वेज की अपेक्षा आसान होता है।

हाई लेवल लैग्वेज High level language

ऐसा लैग्वेज जिसको प्रोग्रामर तो आसनी से समझ सकता है लेकिन एक मशीन इसको नही समझ सकता है ऐसी लैग्वेज को हाई लेवल लैग्वेज कहते है। मशीन यह लैग्वेज समझने के लिए एक कम्पाइलर का प्रयोग करता है कम्पाइलर हाई लैग्वेज को मशीन लैग्वेज या लो लेवल लैग्वेज में बदल देता है। हाई लेवल लैग्वेज में बहुत सारे प्रोग्राम है जैसे- C ,C++,JAVA,Python,PHP, BASIC etc.

इस प्रकार के लैग्वेज में अक्षर,सिंबल और नंबर का प्रयोग किया जाता है।

अक्षर,सिंबल और नंबर प्रयोग करने से मशीन इसे समझ नही सकता वह इसे समझने के लिए कंपाइलर या इंटरप्रटेर का प्रयोग करता है जिससे यह किसी भी प्राबलम को साल्ब करने में समय लेता है।

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