मोरबी ब्रिज Morbi Bridge –
इस समय morbi Bridge चर्चा में इसलिए है क्योकि इस ब्रिज के गिरने से लगभग 141 लोगो की मौत हो गयी है। इस ब्रिज का हाल ही मरम्त करके दिवाली पर खोला गया था। काफी दिनो के बाद खुलने के काऱण इस पुल पर घुमने वालो की भीड़ लगी थी। जिससे यह हादसा हुआ। इस हादसे में जिन लोगो का देहान्त हुआ था उसमे अधिकत्तर बच्चे थे जिनकी उम्र 20 साल से कम थी। पुल के हादसे के दिन हर तरफ चीख पुकार मची थी पुल नदी के ऊपर होने के नाते मरने वाले की इतना अधिक हो गया था। यदि यह पुल जमीन पर होता तो शायद मरने वालो की सख्य इतनी नही होती। इस पुल को लोग अजुबा के रुप में देखते थे क्योकि यह पुल लगभग 150 साल पुराना पुल था। इस पुल को देखने के लिए दूर दूर से लोग इस पुल का आनन्द लेने के लिए आते थे आज वह पुल लगभग 141 लोगो के मौत का पुल बन गया है। आइये जानते है इस पुल का इतिहास के बारे में
मोरबी ब्रिज का इतिहास History of Mrobi Bridge-
मोरबी ब्रिज 150 साल पुराना है इस पुल को मोरबी के राजा वाघजी ठाकरे द्वारा गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर 1887 के आस-पास बनवाया गया था। इस ब्रिज को सस्पेंस ब्रिज के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा इसको हैंगिग ब्रिज के नाम से जाना जाता है। उस समय यह ब्रिज किसी चमत्कार से कम नही था। इस पुल के निर्माण में युरोप के अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। बताया जाता है इस पुल का निर्माण इसलिए किया गया था ताकि राजा वाघजी दरबारगढ़ पैलेस से नजरबाग पैलेस तक जाते थे।
मोरबी ब्रिज की लम्बाई और चौड़ाई length of Morbi bridge and Height –
मोरबी ब्रिज की लम्बाई 233 मीटर और चौड़ाई 1.25 मीटर थी।
मोरबी ब्रिज बनाने में खर्च How many money spend on Bike
मोरबी ब्रिज को बनाने में उससमय 3.5 लाख का खर्च आया था। इस बनाने आवश्यक सामग्री इंग्लैड से मगाई गयी थी।
मोरबी ब्रिज का उद्घाटन –
इस पुल का उद्धाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेम्पल द्वारा किया गया था।
मोरबी ब्रिज का मालिक-
मोरबी ब्रिज का मालिकाना हक इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मोरबी नगर पालिका को है।
मोरबी ब्रिज 2001 में गुजरात में आये विनाशकारी भुंकप की वजह से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। मोरबी ब्रिज का 6 महीने तक रिनोवेशन का काम चल रहा था। हादसे के 5 दिन पहले इसको खोला गया था। इसके नवीनीकरण का काम अंजता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा हो रहा था। ओरेवा के पास 15 साल के अनुबंध था जो मोरबी नगर पालिका द्वारा दिया गया था। इसेक रिनोवेशन में लगभग 2 करोड़ रुपये लग चुके थे। बताया जाता है कि यह पुल 100 लोगो के वजन को संभाल सकता है। अंजता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड ओरेवा ग्रुप की एक शाखा है।