याबा एक नशे की दवा है जिसे थाई भाषा में पागलपन की दवा के नाम से जानते है। इसे क्रेजी मेडिसीन के भी नाम से जानते है। इस दवा को गुलाबी गोली के नाम से भी जानते है। इस दवा के प्रयोग से मनुष्य असंगत व्यवहार करता है। इस दवा का प्रयोग लगभग सभी देशो में बैन है।
याबा के बारे में-
याबा को थाई भाषा में पागलपन की दवा कहते है। इस दवा का उत्पादन म्याँमार में होता है।
इस दवा के लिए कच्चा माल चीन द्वारा प्रदान किया जाता है
इस गोली में मेथेम्फेटामाइन और कैफिन मिला होता है।
याबा टैबलेट के रूप में एक दवा होती है। यह अक्सर लाल रंग की होती है तथा इसके कवर पर WY अक्षर लिखे होते हैं।
इस दवा का प्रयोग घोड़ो को म्याँमार के पहाड़ी क्षेत्रो की चढ़ाई अथवा भारी कामो के दौरान दी जाती है।
इस दवा(याबा) का प्रयोग थाईलैंड में सबसे खराब श्रेणी का माना जाता है। जो भी लोग इस दवा का इस्तेमाल करेगें उनको कई सालो तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। 20 ग्राम से भी अधिक पकड़े जाने पर आजीवन कारावास की सजा है।
याबा दवा के नाम-
विभिन्न देशो में इसे विभिन्न नामो से जानते है जैसे-
थाईलैड में इसे चोकली के नाम से जाना जाता है।
चीन में इसे मा-गुओ के नाम से जाना जाता है।
भारत में इसे भूल भूलैया के नाम से जाना जाता है।
फिलीफिंस और इंडोनेशिया में इसे शाबू के नाम से जाना जाता है।
बंग्लादेश में इसके विभन्न नाम है जैसे “बाबा”, गुट्टी, लाल, जिनीश, खवन, नैशोकोटा, लोपी, गारी, बिची इत्यादि के रूप में जाना जाता है।
याबा दवा का प्रयोग करने वाले देश-
बंग्लादेश तथा नेपाल में इस दवा को लेने वालो की संख्या सबसे अधिक है हर साल इन दोनो देशो में कई करोड़ गोलिया जब्त की जाती है।
भारत इस समय गोल आकार की लाल रंग होनी याबा ड्रग्स के लिए ट्राजिट कंट्री(किसी अन्य देश में ले जाने के दौरान बीच पड़ने वाला देश) का रोल निभा रहा है लेकिन बंग्लादेश से लगे सीमा पर भारत में भी इस दवा का प्रयोग कर रहे है जो चिंता का विषय बना हुआ है। 2019 में तस्करों से 7.22 लाख याबा टेबलेट पकड़ी गई 3.08 लाख बोतल ही फेंसिडाइल पकड़ी गई पिछले साल 2020 में नवंबर तक 6.65 लाख याबा टेबलेट जब्त हुईं 05 लाख फेंसिडाइल बोतल ही जब्त हो सकी अब लोगो त्रिपुरा से सटे इलाको से होकर लोग चरस की तस्करी छोड़ कर ज्यादा वित्तीय फायदे के लिए याबा का तस्करी कर रहे है।