तन्त्रिका तन्त्र (Nervous System)-
शरीर के हर वह क्रिया जैसे देखना , सोचना,घूमना, खाना, हार्ट का बीट होना, आदि क्रिया को कंट्रोल करने का काम करता है। इससे मस्तष्कि,मेरुरज्जू और इनसे निकलने वाली तंत्रिकाओं की गणना की जाती है।यदि किसी व्यक्ति के नर्वस सिस्टम में कोई दिक्कत आ जाती है तो वह वह विभिन्न बिमारियो से घिर जाता है। क्योकि नर्वस सिस्टम हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट होता है क्योकि इसमें दिक्कत होना शरीर में थकावट होना। यदि किसी व्यक्ति के Nervous system में कोई दिक्कत होता है तो इसका मतलब होता है उसके शरीर में ब्लड का प्रवाह सही से नही हो रहा है।
तंत्रिका तंत्र क्या होता है What is Nervous System
तंत्रिका तंत्र बहुत सारी छोटी छोटी कोशिकाओं से मिलकर बना होता है इन कोशिकाओं को न्युरॉन कोशिका कहा जाता है।
इसके विभिन्न काम है
यह विभिन्न अंगो की भिन्न-भिन्न क्रियाओं को संचालित करता है।
यह जन्तु के बाहरी वातावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करने में मदद करता है
यह समस्त मानसिक कार्यो को नियंत्रण करने में मदद करता है।
मानव की तंत्रिका तंत्र दो भागों में बटा है।
1-केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous System)-
2- परिधीय तंत्रिका तंत्र(Peripheral nervous System)
1-केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous System)-
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र मानव शरीर का वह भाग होता है जो पूरे शरीर पर तथा स्वयं तंत्रिका तंत्र पर नियत्रंण रखता है।इसके दो भाग होते है
a)मस्तिष्क(Brain)
b) मेरुरज्जु(Spinal cord)
2- परिधीय तंत्रिका तंत्र(Peripheral nervous System)
यह वह तंत्रिका तंत्र होता है जो ब्रेन से निकली हुयी 12 जोड़ी नसे और स्पाइल कार्ड से जुड़ी हुयी 31 जोड़ी नसो से मिलकर बना होता है। यह तंत्रिका तंत्र का वह भाग होता है जो संवेदी न्यूरॉन तथा दूसरे न्यरॉनो से मिलकर बनती है या कह सकते है कि इसमे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से उत्तपन्न होने वाली तंत्रिकाएं होती है।
सोमेटिक नर्वस सिस्टम (Somatic Nervous System)-
यह नर्वस सिस्टम पेरिफेरल नर्वस सिस्टम का भाग होता है। जो दोनो प्रकार के न्यूरॉन से संदेश ले सकता है। यह विभिन्न प्रकार के नर्व से मिलकर बना होता है जो हमारे शरीर के विभिन्न अंग( संवेदनशील अंग, त्वचा और मांशपेशियाो) से जुड़े होते है
स्वयत्त नर्वस सिस्टम(Autonomous Nervous System)-
यह परिधीय तंत्रिकाओं का समूह होता है जो शरीर के विभिन्न अंगो से जुड़ा होता है इन अंगो को उत्तेजित करता है जिस पर किसी का कंट्रोल नही होता है यह कह सकते है जब शरीर द्वारा कोई भी घटना ओटोमेटिक होती है जीसमे यह नही पता चलता है कि यह घटना क्यो घटित हुआ है तो यह घटना को स्वयत्त नर्वस सिस्टम के द्वारा होती है । यह दो प्रकार का होता है।
1-अनुकंपी तंत्रिका तंत्र Sympathetic Nervous System
2- पराअनुकंपी तंत्रिका तंत्र ParaSympathetic Nervous System
तंत्रिका तंत्र से जुड़े रोग-
शरीर का ऐसा पार्ट होता है तंत्रिका तंत्र जो कमजोर होने पर यह आपको विभिन्न बिमारियो अल्जाइमर,कुष्ठ रोग, पोलियो, रेबीज, मिर्गी,पार्किसंस आदि से ग्रसित कर देता है। है।
तंत्रिका तंत्र से सम्बन्धित प्रश्न –
तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क रीढ़ की हड्डी स्प्लीन आदि शामिल होता है।
न्यूरॉन को तंत्रिका तंत्र की इकाई कहा जाता है।
तंत्रिका तंत्र को शरीर की केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई के रुप में भी जाना जाता है।
अमीबा में तंत्रीका तंत्र नही पाया जाता है
Sensory Neurons वह न्यूरॉन होता है जो हमारे शरीर के सभी अंगो से संदेश को लेकर मस्तिष्क तक जाता है।
मोटोर न्यूरॉन वह न्यूरॉन होता है जो मस्तिष्क से संदेश को लेकर सभी अंगो तक जाता है।मोटोर न्यूरॉन डीसीज में मनुष्य की नसों पर लगातार हमला होता है जिससे शरीर का हर अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है।
न्यूरॉन के कोशिकाओं की सबसे अधिक संख्या मस्तिष्क मे होती है.
हाइड्रा एक ऐसा जीव है जिसमे ंतंत्रिका तंत्र तो होता है लेकिन मस्तिष्क नही होता है।
सर्पदंश का सबसे पहले प्रवाहित होने वाला अंग तंत्रिका तंत्र है।
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