52 साल पुरानी उत्तर रेलवे की विरासत का अंत
1968 से उत्तर रेलवे द्वारा संसद में भोजन परोसने की जिम्मेदारी थी। 15 नवंबर को जिसका अंत हो रहा है। अब यह जिम्मेदारी आईटीडीसी निभायेगीं। 52 साल पुरानी यह रीति यही खत्म हो रही है।
उत्तर रेलवे को लोकसभा सचिवालय की तरफ से एक लेटर मिला है जिसमें यह लिखा है कि आप 15 नवंबर तक कैंटीन की जिम्मेदारी आईटीडीसी को सौंप दे। जो जो चीजे लोकसभा सचिवालय की तरफ से आप को दिया गया है वो सभी चीजे ओईटीडीसी को प्रदान कर दे।
आईटीडीसी के अधिकारियों का कहना है कि स्पीकर ने विशेष तौर पर ऐसे खाने पर ध्यान देने का निर्देश दिया है, जो आम आदमी और विशिष्ट जनों में भेदभाव न करे।
हर संसदीय संत्र में 5000 लोगो से अधिक लोगो को खाना खिलाया जाता है।
48 प्रकार के व्यजन संसदीय कैंटीन के मेनु में शामिल है।
हार साल 17 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है