भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए INS कवरत्ती को शामिल किया गया
आइएनएस कवरत्ती जिसे समुद्र के बाहुबली के नाम से जाना जाता है आज नौसेना शामिल हो गया। आइएनएस कवरत्ती को एंटी सबमरीन युद्धपोत के नाम से जाना जाता है। यह युद्धपोत रडार की नजर में नही आता है यह यद्धपोत पूर्ण रुप से स्वदेशी है क्योकि इसमें जो सामाना लगे है उसमें से 90 प्रतिशत भाग स्वदेशी है। INS कवरत्ती का निर्माण प्रोजेक्ट 28 के तहत बनाया गया है।
2003 में अप्रूव हुए इस प्रॉजेक्ट का यह आखिरी जहाज है। इससे पहले आईएनएस कमोर्ता 2014 में, आईएनएस कदमट्ट 2016 में और आईएनएस किलटन 2017 में नेवी का हिस्सा बन चुके हैं।
INS Kavaratti, last of the 4 indigenously built Anti-Submarine Warfare stealth corvettes, is all set to join Indian Navy.
Designed by Indian Navy’s Directorate of Naval Design, the ship portrays our growing capability in becoming self-reliant through indigenization: Indian Navy pic.twitter.com/jHFcuGIkwT
— ANI (@ANI) October 22, 2020
आईएनएस का निर्माण कोलकाता के गार्डन रिसर्च शिपबिल्डर्स ऐंड इंजिनियर्स ने बनाया है।
आईएनएस कवरत्ती 2015 में लांच किया गया था।
इसको डिजाइन डायरेक्टर ऑफ नेवल द्वारा तैयार किया गया था। इसकी लंबाई 109 मीटर है तथा चौड़ाई 12.8 मीटर है।इसका वजन 3250 टन है। इसमे चार डीजल इंजन लगे। जो 3000 कोलोवाट का पावर पैदा करते है ।25 नॉड्स इसकी मैक्सीमम स्पीड है।
यह दुश्मन के रडार में पकड़ में नही आयेगी. क्योकि आईएनएस कवरत्ती स्टील्थ वास शिप है।
इसका नाम बंग्लादेश को पाकिस्तान से 1971 मुक्त करवाने में अहम रोल निभाने वाले युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती के नाम पर रखा गया ।
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