टूलकिट –
एक ऐसा दस्तावेज जिसमे किसी मुद्दे की विस्तृत जानकारी तथा सुक्षाव होते है । इस तरह के दस्तावेज का प्रयोग किसी बड़े अभियान या आन्दोलन के दौरान किया जाता है।
आजकल दुनिया भर के लोग शोसल मीडिया पर एक्टिव 24 घंटे में 20 एक्टिव रहते है लेकिन Toolkit के बारे में न के बराबर जानकारी रखते है।
आज हम टूलकिट के बारे में जानेगें
टूलकिट एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव दिए गए होते हैं। इस तरह के सुझाव में केवल एक पेज नही होता है इसमें पेज के अन्दर पेज होता है। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स को इसमें दिशानिर्देश दिए जाते हैं।
टूलकिट का पहली बार प्रयोग-
टूलकिट का पहली बार जिक्र अमेरिका में किया गया था। जब एक अश्वेत शक्त की हत्या होती है और लगभग हर देश के लोगो ने इस प्रतिक्रिया था। इस आन्दोलन को ब्लैक लाइफ मैटर नाम दिया गया। इसी दौरान आंन्दोलन से जुड़े कुछ लोगो ने Toolkit का निर्माण किया। जिसमें आन्दोलन से जुड़े विभिन्न प्रकार की जानकारी रहती थी।
जैसे-सरकार से, पुलिस से, आन्दोलन से, मीडिया से किस प्रकार बात करनी है तथा आन्दोलन को किस प्रकार आगे बढ़ाना है ये सभी जानकारी इस Toolkit में छिपी रहती है।
भारत में क्यो चर्चा में है-
चाइल्ड एक्टिविस्ट के तौर पर चर्चित रहीं ग्रेटा थनबर्ग किसान आन्दोलन के Toolkit में छिपी रहती है।
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चाइल्ड एक्टिविस्ट के तौर पर चर्चित रहीं ग्रेटा थनबर्ग किसान आन्दोलन के समर्थन में एक ट्विट किया और एक डॉक्यूमेंट शेयर किक समर्थन में एक ट्विट किया और एक डॉक्यूमेंट शेयर किया जिसे लेकर पुरे देश में ट्विट की बाढ़ आ गयी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गया जिसे बाद ग्रेटा द्वारा डिलीट कर दिया गया ।
क्योकि इस डाक्युमेन्ट लिखा था किसानो को शोसल मीडिया पर कैसे समर्थन जुटाये, तथा किस प्रकार आन्दोनल को आगे बढ़ाये।