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12 May international nurse divas and also know nurse florence

नर्स(Nurse)

दोस्तो 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकी यह हम जान सके कि मेडिकल क्षेत्र में नर्स का क्या योगदान होता है   तथा इसके अलावा  इसमे  nurse florence nightingale का क्या योगदान है । आइये नर्स के योगदान के बारे में जानते है

नर्स का काम-

जब आप किसी बिमारी से पीड़ित होते है अथवा आप किसी कारण वश आप अस्पताल में भर्ती होते है तो अस्पताल में आप का ध्यान नर्श के द्वारा रखा जाता है जो आपको सभी का म समय से करने की सलाह देती है या करती है जैसे –

कोरोना या कोई और महामारी हो उसमे  अपनी जान की परवाह किये बिना नर्स लोगो का देखभाल और दवा देने का काम करती है इनके योगदान के लिए हर साल Internation nurse divas  मनाया जाता है।

नर्स दिवस किसके याद में मनाया जाता है-

फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल जिनको आधुनिक नर्स का जन्म दाता माना जाता है। इन्हे प्रेम,दया व सेवा-भावना की प्रतिमूर्ति माना जाता है। ये द लेडी विद द लैम्प के नाम से प्रसिद्ध थी। इनका जन्म 12 मई 1820 को फ्लोरेंस, ग्रैंड डची ऑफ टस्कैनी में हुआ था। ये एक अच्छे परिवार में पैदा हुयी थी। लेकिन इनका मन लोगो की सेवा करने में ज्यादा लगता था।

1840 में इंग्लैण्ड में भयंकर अकाल पड़ा लोगो की दयनीय स्थिति देखकर फ़्लोरेन्स काफी बैचेन हो गई। तब इन्होने फैसला किया की वह नर्स बनेगी और कैन्सवर्थ संस्थान से नर्सिग का प्रशिक्षण लिया।

1854 के क्रीमियम युद्ध में इन्होने लोगो की बहुत मदद की जब सभी डाक्टर या नर्स सो रहे होते तो फ़्लोरेंस हाथ में लैम्प लेकर सभी के विस्तर ताकी जाती और लोगो का ध्यान रखती तब से इन्को द लेडी विद द लैम्ब के नाम से जाना जाता है।

नर्स का दशा-

Nurse florence nightingale का 90 वर्ष की उम्र में 13 अगस्त 1910 को निधन हो गया। इन्ही की देन की लोग नर्स की इज्जत करते है नही तो 19वी शताब्दी के मध्य तक लोग नर्स को हेय दृष्टि से देखते थे। लोगो को लगता था कि नर्स का जो काम होता है वह बहुत घटिया होता है। क्योकि यह काम उस समय निम्म वर्ग,अनपढ या चरित्रहीन औरते ही करती थी। नर्श की दशा सुधारने में फ़्लोरेंस का बहुत योगदान है।

इन्होने नर्स की दशा सुधारने के लिए 1859 में थॉमस अस्पताल में नर्सिंग प्रशिक्षण की स्थापना किया। इन्होने नर्स पर नोट्स ऑफ नर्सिग नामक पुस्तक लिखी इन्होने जीवन का बाकी समय नर्स की दशा सुधारने में लगा दिया। इसलिए इनको जन्म को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रुप में मनाया जाता है।

भारत में फ़्लोरेंस का योगदान –

फ़्लोरेंस नाइटिंगेल भारत में ब्रिटश सैनिको सेहत को बेहतर करने के मिशन मे जुड़ी हुयी थी। फ़्लोरेस का मानना थी अधिकत्र बिमारी किटाणु द्वारा फैलती है। लेकिन उस समय तक काफी डाक्टर यकीन नही करते थे लेकिन बाद में फ़्लोरेंस के विचारो से सहमत हो गये।

इसके बाद उन्होने भारत में साफ पानी की सप्लाई पर जोर देन लगी।

इसी दौरान उन्होने अकाल के शिकार लोगो की मदद की मुहिम छेड़ दी। भारत के लोगो के बारे में 1906 तक रिपोर्ट प्राप्त करती रही।

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भारत सरकार द्वारा उनकी याद –

भारत सरकार द्वारा नर्सो को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार के परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 1973 में किया गया था। यह पुरस्कार 12 मई को राष्ट्रपति द्वारा नर्स मे बेहतरीन योग देने के लिए दिया जाता है।

फ़लोरेंस नाइटिंगेल को प्राप्त पुरस्कार-

सन 1861 में महारानी विक्टोरिया द्वारा nurse florence nightingale  को रॉयल रेड क्रॉस मेडल से सम्मानित किया गया।

12 मई 1907 में इन्को आर्डर ऑफ मेरिट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

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