HardDisk कम्प्युटर का महत्वपूर्ण पार्ट है जिसको एक्सटरनल स्टोरेज डिवाइस के नाम से जानते है। इस हार्डडिस्क के बनने से कम्प्युटर में एक नयी क्रांती का जन्म हुआ। इस हार्डडिस्क में कोई भी डेटा जो साफ्ट फार्म में मौजूद है उसको स्टोर कर सकते है। जब आप को जरुरत पड़े तो फिर से प्राप्त कर सकते। इस हार्ड को सेकेण्डरी स्टोरेज के रुप में भी जानते है इसमे कोई भी डेटा स्टोर करते है तो पावर जाने के बाद भी सुरक्षित रहता है। आइये इसके और भी खासियत के बारे में विस्तार से जानते है।
हार्ड डिस्क क्या होता है ?( What is HardDisk)
HardDisk इसको शार्ट फार्म में HDD के नाम से जानते है। इसको इसके अलावा हम विभिन्न नाम से जानते है जैसे हार्ड ड्राइव या डेटा भंडारण यंत्र । इसका प्रयोग डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमे स्टोर डेटा पावर जाने के बाद भी सुरक्षित रहता है क्योकि हार्ड डिस्क Non volatile memory होती है। इसमे उपस्थित डेटा को एक्सेस करने के लिए विभिन्न प्रकार के केबल(SATA,PATA,SAS, SCSI Interface) का प्रयोग किया जाता है
हार्ड डिस्क का इतिहास History of hardDisk-
हार्ड डिस्क को पहली बार 1956 में IBM द्वारा पेश किया गया था। इसको मेनफ्रेम और छोटे कम्प्युटर के लिए पेश किया गया था। जिसकी स्टोरेज कैपेसिटी 5 MB थी। IBM द्वारा इसको जिस कम्प्युटर में लगाया गया था उसका नाम 305 RAMAC था। इस हार्डडिस्क का वजन लगभग एक टन था। इसकी कीमत लगभग 60,000 रुपये थी। उस समय इसका उपयोग अमेरिका सेना और कुछ बड़े उद्योगपति करते थे। इसका प्राथमिक उपयोग वास्तविक समय रेखांकन था।
समय के अनुसार इसमे भी परिवर्तन हुआ 1980 में पहली बार IBM द्वारा 1GB स्टोरेज क्षमता वाला हार्ड डिस्क प्रस्तुत किया गया है। इस हार्डडिस्क का वजन 500 पाउंड था तथा इसकी कीमत $40,000 थी जो आम उपभोक्ता से कोसो दूर थी।
इसी साल Seagate द्वारा 5.25 इंच हार्ड डिस्क ड्राइव 5 मेगाबाइट ST -506 को प्रस्तुत किया गया है। इस समय Seagate बाजार में हार्ड डिस्क का मुख्य आपूर्तिकर्ता बन गया था। मुख्य रुप से तब जब IBM द्वारा XT को 1983 में प्रस्तुत किया गया था।
1989 में Seagate ने कंट्रोल डेटा (CDC) इम्प्रमिस टेक्नोलॉजी का अधिग्रहण किया जिसकी वजह से 43 मार्केट पर Seagate का कब्जा हो गया। इसकी वजह से हार्ड डिस्क के क्षेत्र में बड़ा बदलाव हुआ।
इसके बाद कई कंपनी ने हार्ड डिस्क का निर्माण करने लगी। जिसमें Rondime थी जिसने 1983 में पहली 3.5 इंच की हार्ड डिस्क ड्राइव विकसित की। इस समय डेस्कटाप में जो हार्ड डिस्क प्रयोगकिया जाता है वह 3.5 इंच की होती है।
1988 में Praire Tek कंपनी द्वारा 2.5 इंच की हार्ड डिस्क ड्राइव प्रस्तुत किया गया। जो लैपटाप में प्रयोग किया जाता है
हार्डडिस्क का स्पीड( Speed of the Harddisk)-
हार्डडिस्क के स्पीड को RPM(Revolutions per minute) में मापा जाता है। RPM का मतलब होता है एक मिनट में हार्डडिस्क में लगा हुआ प्लाटर कितनी गति से घुमता है। औऱ डाटा को रीड और राइट करता है। RPM की गति जितना अधिक होगी हार्डडिस्क उतना अच्छा काम करेगा।
हार्डडिस्क के पार्ट Part Of Harddisk –
हार्डडिस्क विभिन्न पार्ट से मिलकर बना है। आइये जानते है हार्डडिस्क में इन पार्ट का क्या योगदान है।
Platter
यह हार्ड ड्राइव में पाया जाने वाले सर्कुलर डिस्क होता है जो एल्युमिनियम या शीशे की बनी हुयी शख्त धातु है जिस पर चुंबकीय पदार्थ का लेप लगाया जाता है। इसलिए इसे मैग्नेटिंग डिस्क भी कहते है।
SATA Cable
इस केबल का प्रयोग हार्डडिस्क औऱ मदरबोर्ट को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है जिससे डाटा का आदान प्रदान हो सके। इसमे 7 पिन होता है।
SATA Power Connector
इस कनेक्टर के द्वारा SMPS से पावर की सप्लाई दिया जाता है। जो हार्डडिस्क को जरुरत होता है।
Ribbon Cable
यह भी एक कनेक्टिव केबल होता है। जिसके द्वारा डाटा का आदान प्रदान लाजिक बोर्ड से हेड तक होता है।
Logic Board
यह हार्ड डिस्क में लगा हुआ PCB होता है जिसमे चिप लगे होते है। यह हार्डड्राइव में आने वाली और जाने सिग्नल को कंट्रोल करता है।
Head
प्लाटर के ऊपर निर्भर करता है कि एक हार्ड डिस्क में कितने हेड होने चाहिए क्योकि एक प्लाटर को एक्सेस करने के लिए दो हेड की आवश्यकता होती है। एक हेड ऊपर के प्लाटर को एक्सेस करता है दूसरा नीचे के प्लाटर को एक्सेस करता है।
Actuator Arm
यह घड़ी की सुई के समान होता जिसका एक सिरा फीक्स होता है जो सिरा फिक्स नही होता उस सिरे पर read/write Head लगा होता है। इसका काम होता जरुरत के अनुसार हेड को मूव करना।
Actuator Axis-
यह एक धूरी होता है जिस पर Actuator Arm फिक्स होता है। जिससे actuator arm एक अक्ष पर मूव हो सके।
हार्ड डिस्क में डेटा स्टोर होना(Store the data in Hard Disk)-
कम्प्युटर में कोई भी डेटा हो चाहे वह टेक्सट,न्युमेरिक,आडियो, विडियो,या ग्राफिक्स फार्म में सभी डेटा 0 और 1 फार्म में स्टोर होता है। इस डेटा को बाइनरी नम्बर कहते है। ये बाइनरी नम्बर स्टोर करने के लिए कम्प्युटर का यह हार्ड डिस्क विभिन्न पार्ट में बटा होता है। आइये इन सभी पार्ट के बारे में जानते है।
Platter surface-
यह हार्ड ड्राइव में पाया जाने वाले सर्कुलर डिस्क होता है जो एल्युमिनियम या शीशे की बनी हुयी शख्त धातु है जिस पर चुंबकीय पदार्थ का लेप लगाया जाता है। इसलिए इसे मैग्नेटिंग डिस्क भी कहते है। यह विभिन्न पार्ट में बटा होता जैसे ट्रैक, सेक्टर और कल्सटर आदि।
Track-
किसी भी डिस्क के सर्कुलर पाथ को ट्रैक कहा जाता है। प्रत्येक प्लाटर कई सर्कुलर पाथ में बटा होता है। इस सर्कुलर पाथ को ही ट्रैक कहा जाता है। सभी इन्फार्मेशन इसी ट्रैक मे स्टोर होता है। प्लाटर का बाहरी हिस्सा जीरो से शुरु होता है जैसे जैसे अंदर की तरफ बढ़ते है इसकी संख्या बढ़ती जाती है।
Sector-
प्रत्येक ट्रैक सेक्टर में बटा होता है। यह हार्ड डिस्क में डेटा स्टोर करने का बेसिक युनिट होता है। एक ट्रैक बहुत सारे सेक्टर में डिवाइड होता है प्रत्येक सेक्टर 512 बाइट का डेटा स्टोर कर सकता है।
Cluster-
बहुत सारे सेक्टर के ग्रुप को कलस्टर कहा जाता है। इसकी साइज आपरेटिंग सिस्टम और हार्ड डिस्क के साइज के ऊपर निर्भर करता है।
हार्ड डिस्क के प्रकार-
स्टोरेज क्षमता और स्पीड के आधार पर हार्ड डिस्क तीन प्रकार के होते है।
SATA
इसका पूर्ण रुप Serial Advance Technology Attached होता है इस हार्डडिस्क का प्रयोग पर्सनल कम्प्युटर के लिए किया जाता है। यह 300 MB डेटा का ट्रांसफर हर सेकेण्ड कर सकता है। साटा हार्ड डिस्क कनेक्ट करने के लिए साटा केबल का प्रयोग किया जाता है।
PATA-
इसका पूर्ण रुप Parallel Advanced Technology Attachement होता है। इसको सर्वप्रथम वेस्टर्न डिजिटल ने 1986 में बनाया था। इस ड्राइव में 40 पिन होते है, यह एक बार 8 बिट डेटा सेन्ड कर सकता है।
SSD
इसका पूर्ण रुप Solid State Drive होता है। इसका प्रयोग कम्प्युटर या लैपटाप की स्पीड को बढ़ाने के लिए किया जाता है क्योकि इसमे हार्ड डिस्क की तुलना तेज डेटा एक्सेस होता है।
आइये जानते है भारत बिकने वाले 5 टॉप हार्ड डिस्क जो भारत के बाजारो में सबसे अधिक प्रयोग किये जा रहे है।
- Western Digital Elements
- Seagate Backup Plus Slim
- Transcend TS1TSJ25M3S
- TOSHIBA CANVIO BASIC
- LENOVO F309
कम्प्युटर से डिलीट हुयी फाइल को रिकवर करना