माइक्रो कम्प्युटर Micro computer –
कम्प्युटर की उपयोगिता जब से लोगो को पता चला तब से कम्पयुटर में सुधार के लिए कम्प्युटर के जानकार हमेशा इस पर काम कर रहे है जिससे कम्प्युटर की साइज,बुद्धिमता और स्टोरेज में दिन प्रतिदिन परिवर्तन परिवर्तन हो रहा है एक समय था जब कम्प्युटर का आविष्कार हुआ था तब कम्प्युटर की साइज बहुत बड़े-बड़े होते थे उनकी आईक्यू लेवल भी कम होता था, और उनकी स्टोरेज क्षमता भी कम होती थी। लेकिन जैसे ही लोगो को पता चला कि इसका उपयोग करके हम बड़े से बड़ा काम को आसानी से कर सकते है वैसे ही देश विदेश के वैज्ञानिक इस पर काम करने लगे और इसमे सुधार करने लगे। लोगो द्वारा इसमे इतना सुधार किया गया है आज कम्प्युटर मनुष्य के हर उस काम को कर रहा है जो मनुष्य भी नही कर सकता है इसलिए मनुष्य कम्प्युटर पर पूरी तरह से निर्भर हो गया है। आज के समय में हर व्यक्ति कम्प्युटर की हर ज्ञान के बारे में जानना चाहता है तो आइये जानते है कम्प्युटर के इस भाग में Micro computer क्या होता है
माइक्रोकम्प्युटर Micro computer –
जैसा की नाम से पता चल रहा है कि माइक्रोकम्प्युटर का आकार बहुत छोटा होगा। इसलिए इसके बारे में कहा जाता है कि माइक्रोकम्प्युटर ऐसा कम्प्युटर होता है जिसका आकार मिनी कम्प्युटर और मेनफ्रेम कम्प्युटर से छोटा होता है और जिस कम्प्युटर जिसमें सेन्ट्रल प्रोसेसिंग के रुप में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है।
इतिहास History of Micro computer-
माइक्रोशब्द का इस्तेमाल मिनी शब्द के आने के बाद उपयोग में लोकप्रिय हुआ था। आइजैक असिमोव ने अपनी लघुकथा द डांइग नाइट में जो 1956 में जुलाई में प्रकाशित हुआ था उसमे इस्तेमाल किया था लेकिन इस प्रकार के कम्प्युटर का उदय 1970 के दशक में हुआ था क्योकि इस जनरेशन के कम्प्युटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया जा रहा था। जो Integrated circuit को रीप्लेस किय़ा था। माइक्रोप्रोसेस के आने से कम्प्युट की साइज बहुत छोटी हो गयी था। क्योकि माइक्रोप्रोसर जिसका बना होता था उसको Silicon Chip के नाम से जाना जाता था। एक माक्रोप्रोसेसर पर लगभग 5000 ट्रान्जिस्टर का प्रयोग किया जाता है। माइक्रोप्रोससर के प्रयोग करने से इसको हम माइक्रोकम्प्युटर के नाम से जानते है। इसके अलावा हम इसको पर्सनल कम्प्युटर के नाम से जानते है।
माइक्रोकम्प्युटर पहली बार First time used of Micro computer-
विश्व का पहला पर्सनल कम्प्युटर 1971 में Kenbak-1 को माना जाता है जिसको केनबैक कार्पोरेशन के जॉन ब्लैकनबेकर द्वारा विकसित किया गया था।
माइक्रोकम्प्युटर को IBM द्वारा 1981 प्रस्तुत किया था जिसको पर्सनल कम्प्युटर के नाम से जानते है और ऐप्पल द्वारा इसको 1989 में प्रस्तुत किया गया था।
आज के समय में माइक्रोकम्प्युटर के प्रकार Type of Micro computer –
आज के समय माइक्रोकम्प्युटर को विभिन्न रुप मे प्रस्तुत करते है जैसे –
पर्सनल कम्प्युटर जिसको हम डेस्कटॉप के नाम से जानते है, लैपटॉप,नोटबुक, टैबलेट,मोबाइल, कैलकुलेटर,वर्क स्टेशन,गेमिंग कंसोल आदि डिवाइस इसके अंतर्गत आता है।
माइक्रोकम्प्युटर के पार्ट Part of Micro computer –
माइक्रोकम्प्युटर में वह सभी पार्ट होते है जिनकी सहायता से हम कम्पयुटर पर काम करते है जैसे-
इनपुट यूनिट Input Unit –
माइक्रोकम्प्युटर का यह वह भाग होता है जिसके द्वारा हम कम्प्युटर में डेटा को प्रवेश कराते है। जैसे- कीबोर्ड, माउस।
आउटपुट यूनिट Out put Unit –
माइक्रोकम्प्युटर का यह वह भाग होता है जब हम कम्प्युटर में जो डेटा प्रवेश करते है वह डेटा देख सके। जैसे- मानीटर, प्रीटर
माइक्रोप्रोसेसर micro Processor –
माइक्रोकम्प्युटर का वह भाग होता है जिसको हम कम्प्युटर का ब्रेन कहते है। जो प्रवेश हुए डेटा पर प्रासेस करने का काम करता है।
मेमोरी यूनिट Memory unit-
इस भाग का प्रयोग माइक्रोकम्प्युटर में डेटा को स्टोर करने के लिए करते है।
माइक्रोकम्पयुटर का इस्तेमाल कहां होता है Used of Micro computer –
आज कल माइक्रोकम्प्युटर का इस्तेमाल लगभग विश्व का हर व्यक्ति कर रहा है। जैसे-
- सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तेजी से पहुँचाना हो तो इसका प्रयोग करते है
- इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है।
- किसी से बात कर रहा है ।
- गणना करने का काम कर रहा है।
- बैकिंग का काम कर रहा है।
- डिजिटल गेम खेल रहा है।
- विडियो देख रहा है।
- पिक्सचर कैप्चर कर रहा है।
- ऑफिस का काम कर रहा है।
- माइक्रोकम्प्युटर की प्राइज-
- यदि माइक्रोकम्प्युटर की कीमत की बात की जाय इसकी प्राइज हर व्यक्ति के बजट में आता है।
MCQ of Microcomputer