वाई-फाई Wi-fi
कम्प्युटर का आविष्कार होने के बाद कम्प्युटर जटिल से जटिल काम को आसानी से करने लगे थे लेकिन कम्प्युटर की साइज इतनी बड़ी होती थी की कोई भी व्यक्ति कम्प्युटर को एक जगह से दूसरे जगह नही ले जा सकता है । इसके लिए कम्प्युटर के जानकार लोग नेटवर्क को विकसित किये जो कम्प्युटर जनित डेटा को शेयर करने के लिए प्रयोग करते थे। ये डेटा केबल के माध्यम से एक कम्प्युटर से दुसरे कम्प्युटर तक जाते थे। । समय का परिवर्तन हुआ लोगो ने सोचा क्यो न ऐसी टेक्नालॉजी का विकास किया जाय जिसमे किसी केबल की जरुरत न पड़े। वह समय आ गया जब 1990 में Vic Hays वाई-फाई का विकास किया हम सभी जानते है आज के समय में इंटरनेट सभी व्यक्ति की जरुरत बन गया है क्योकि यदि हमे अपने नजदीकीयों का हाल चाल लेना हो, उन्हें कोई सूचना देना हो या मनोरंजन के लिए आडियो सुनना हो, विडियो देखना हो, किसी से चैटिंग करना हो,दोस्त बनाना हो, किसी वस्तु का क्रय विक्रय करना हो या देश विदेश की खबर प्राप्त करना हो तो हम इंटरनेट का प्रयोग करते है। जैसा कि हमे पता है इंटरनेट का आविष्कार 1969 को ही हो गया था लेकिन इसको प्रयोग करने वाली की काफी दिनो तक 15 से 20 प्रतिशत थी। जब से वाई फाई का विकास इसको प्रयोग करने वालो की संख्या बहुत तेजी से बढ़ गयी या कह सकते है कि 2015 से इसको प्रयोग करने वालो की सख्या बहुत तेजी से आगे बढी। क्योकि इंटरनेट चलाने के लिए किसी केबल की आवश्यकता नही पड़ती। आइये कम्प्युटर के इस भाग में वाई फाई के विकास के बारे में जानते है।
वाई फाई क्या है What is Wi-Fi
वाई-फाई एक ऐसा डिवाइस है जिसको हम एक सीमित एरिया में इन्टरनेट का प्रयोग करने के लिए करते है। इसको हम WLAN( वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क) के नाम से भी जानते है। यह नेटवर्क कनेक्शन प्रदान करने के लिए रेडियो सिग्नल का प्रयोग करता है। wifi को IEEE 802.11 प्रोटोकाल भी कहा जाता है।
वाई- फाई का फुल फार्म Wifi Full Form –
वाई-फाई का फुल फार्म होता है वायरले स फीडेलिटी (wireless Fidelity)
वाई फाई का उपयोग Use of WiFi-
वाई फाई का प्रयोग मोबाईल,लैपटाप,डेस्कटाप,लाइट,साउन्ड और बहुत सारी इलेक्ट्रानिक डिवाइसो को कनेक्ट करने के लिए करते है।
वाई फाई के प्रकार Type of Wifi-
वाई फाई डेटा एक्सेस के आधार पर चार प्रकार के होते है
WPAN –
इसको हम Wireless personal area network के नाम से जानते है। इसका प्रयोग जहां करते है उसके 30 फीट की दूरी तक इसके द्वारा भेजे गये सिग्नल का प्रयोग कर सकते है।
WLAN-
इसको हम Wireless local area network के नाम से जानते है। इसका प्रयोग एक बिल्डिंग के अंदर करते है इसमें एक केबल होता है जो राउटर से जुड़ा है इस राउटर से एक वाईफाई डिवाइस जुड़ी होती है जो सिग्नल को भेजती और रिसीव करती है। इस सिग्नल को प्रसारित करने के लिए Spread Spectrum अथवा OFDM टेक्नालॉजी का प्रयोग किया जाता है।
WWAN- Wireless wide area network-
इसके अंतर्गत देश अथवा शहर को शामिल किया जाता है क्योकि इसमे जो सिग्नल प्राप्त होता है वह सिग्लन या सेटेलाइट या मोबाइल टावर से मिलता है।
WMAN- wireless metropolitan area network
इस वायरलेस नेटवर्क का प्रयोग एक शहर के अंदर विभिन्न प्रकार की इमारतो में करते है।
Wifi Technology-
वाई-फाई टेक्नालॉजी जिन पर नेट की स्पीड निर्भर होती है IEEE द्वारा समय समय पर इसको अपडेट किया गया जो निम्न प्रकार है।
IEEE-802.11-
IEEE-802.11b-
IEEE-802.11a
IEEE-802.11g
IEEE-802.11n
IEEE-802.11ac
IEEE-802.11ad
IEEE-802.11af
Note- IEEE का फुलफार्म Institute of Electrical and Electronic Engineers होता है। 802.11 का मतलब होता है इसके कन्सेप्ट को 1980 के फरवरी जो की दुसरा महीना में इसको लांच किया गया था। 11 का मलतब होता है यह पहला वर्जन था ।
वाई फाई फ्रिकवेंसी Frequency of Wifi-
वाई फाई इंटरनेट पर कम्युनिकेशन करने के लिए इलेक्ट्रो मैग्नेटिंग वेब का इस्तेमाल करती है जो 2 फ्रीकवेन्सी 2.4Ghz(802.11b) और 5Ghz(802.11a) के बीच काम करती है। कई वर्षों तक, 2.4Ghz वाईफाई उपयोगकर्ताओं के लिए एक लोकप्रिय विकल्प था, क्योंकि यह अधिकांश मुख्यधारा के उपकरणों के साथ काम करता था और 11a से कम खर्चीला था।
वाई-फाई के प्रयोग से लाभ Advantage of WiFi-
एक बार जब दो इससे कनेक्ट होने के बाद आप डेटा का शेयर आसानी से कर सकते है।
वाई-फाई के द्वारा अपने मोबाइल,प्रिंटर, कैमरा,साउन्ड अन्य बहुत सारी इलेक्ट्रानिक डिवाइस जोड़ सकते है।
वाई-फाई के द्वारा एक से अधिक सिस्टम को कनेक्ट कर सकते है
जब आफ वाई-फाई का प्रयोग करते है तो किसी केबल की इसके साथ इन्टरनेट चलाने की जरुरत नही पड़ती है।
इसका प्रयोग करने से स्विच, एडाप्टर,प्लग,और कनेक्टकर की जरुरत नही पड़ती है।
जितनी दुरी तक वाई-फाई का रेंज होता है उतनी दूरी तक हमे केबल की आवश्यकता नही पड़ती।
इसका प्रयोग करने के लिए युजर आई डी और पासवर्ड की जरुरत पड़ती है। वाई-फाई को वायरलेस फिडेलिटी के नाम जानते है।
WiFi Limitations –
डेटा को सेंड करने की दुरी निश्चित होती है
केबल जितना स्पीड से डेटा सेन्ड नही कर सकते है।
यदि इसके रेंज में फ्रिंज,माइक्रोवेव है तो इसकी गति पर प्रभाव पड़ता है।
जितने लोग कनेक्ट होगें उतनी स्पीड कम होती जायेगीं
इसका सुरक्षा तोड़ी जा सकती है।
ब्राउजर द्वारा कलर नेम का प्रयोग करना
कूकीज में हम कितना डेटा स्टोर कर सकते है
राउटर के कौन कौन से पार्ट होते है
ओएसआई माडल का विकास किसके लिए किया गया है
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