All type of printer || About the printer || Full information about the printer
प्रिंटर Printer –
इसको कम्प्युटर के क्षेत्र में आउटपुट डिवाइस के नाम से जानते है । यह आउटपुट डिवाइस कम्प्युटर के क्षेत्र में क्रांतीकारी परिवर्तन लाया क्योकी इसके द्वारा लोग कम्प्युटर में जो डेटा वर्चुअल रुप में मौजूद है उसको छूने योग्य या कही भी ले जाने योग बना कर प्रयोग कर सकते है। आज के समय में देखा जाय तो यह प्रिंटर पैसा कमाने का एक साधन बन गया है जिसके द्वारा आप बहुत सारा पैसा कमा सकते है क्योकि आज के समय हर बिजनेस मैन अपने आवश्यकतानुसार प्रिंटर का प्रयोग करता है। यदि कोई भी बिजनेस मैन किसी भी प्रोडेक्ट को बेचता है तो उस पर जो टैग लगाता है वह किसी न किसी प्रिंटर का प्रयोग करके लगाता है। यदि वह अपने बिजनेस का प्रचार करना चाहता है उसके लिए जो होर्डिंग लगाता है वह भी किसी न किसी प्रिंटर का प्रयोग करके बनाता है। आज के समय में देखा जाय तो यह प्रिंटर प्रिंंट ही नही इनपुट लेने का भी काम करता है। प्रिंटर को यहां तक पहुंचने में बहुत समय लगा आज के इस भाग में हम जानेगें प्रिंटर के बहुत सारे खुबियों के बारे में-
प्रिंटर क्या होता है What is printer –
प्रिंटर एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस है जिसका प्रयोग साफ्ट कापी को हार्ड कापी में बदलने के लिए किया जाता है। इसको हम ऑनलाइन आउटपुट डिवाइस भी कहते है।
प्रिंटर के प्रकार Type of printer-
टेक्नालॉजी के आधार पर प्रिटंर दो प्रकार के होते है।
Impact Printer
इस प्रकार के प्रिंटर इंक रीबन का प्रयोग करते है। इंक रीबन के प्रयोग से जो छपाई होती है वह प्रभावी होती है। यह टाइपराइटर की तरह काम करता है। जिनके हेड पर अक्षर बने होते है। जो इंक रीबन की सहायता से प्रिंट करते है और आवाज बहुत अधिक करते है।
यह दो प्रकार के होते है
Character Printer-
इस प्रकार के प्रिंटर एक करेक्टर को एक बार में छापता है। इस प्रकार के प्रिंटर से ग्राफिक्स सम्भव नही है। यह दो प्रकार का होता है।
Dot Matrix Printer-
रेल का टिकट हुआ या बिजली का बिल हुआ यह सभी डाट मैट्रिंक्स प्रिंटर के उदाहरण है या कह सकते है कि Dot Matrix Printer जो डेटा प्रिंटर करता है वह डाट के फार्म में रहता है। इस प्रकार के प्रिंटर की गुणवत्ता प्रिंटर के पिन पर निर्भर करती है क्योकि यह पिन ही कागज के सर्फेश से टकराता है। यह धीमी गति का प्रिंटर होता है। जो एक बार में सिर्फ एक करेक्टर प्रिंट करता है।
Daisy Wheel Printer-
Daisy Wheel printer इस प्रिंटर का नाम डेजी इसलिए पड़ा क्योकि इसका मुख्य भाग जो प्रिंट हेड है वह डेजी पुष्प(गुलबहार) के समान है।
यह प्रिंटर 1972 में Dr. Andrew Gabor द्वारा खोजा गया था।
यह प्रिंटर भी धीमी गति का प्रिंटर है लेकिन इसकी प्रिंटिंग गुणवत्ता डाट मैट्रिंक्स से अच्छी है।
यह गोल गोल घूम कर अक्षर को प्रिंट करने का काम करती है।
इस प्रकार के प्रिंटर की स्पीड 30 करेक्टर पर सेकेण्ड था।
इससे ग्राफ या रेखा चित्र नही बना सकते है।
Line Printer
इस प्रकार के प्रिंटर एक बार में एक लाइन प्रिंट करते है। इस प्रकार के प्रिंटर की गति करेक्टर प्रिंटर (डॉट और डेजी प्रिंटर) के गति से अधिक होती है। यह एक मिनट में 300 से 2500 लाइने प्रिंट कर सकते है। यह एक लाइन में लगभग 130 से 136 करेक्ट्रर प्रिंट कर सकते है। यह विभिन्न प्रकार के होते है जैसे-
Drum printer ड्रम प्रिंटर
इस प्रकार के प्रिंटर में एक ड्रम लगा होता है। इस ड्रम के सर्फेश पर अक्षर उभरे होते है। यह ड्रम ही तेजी से घुमता है। यह ड्रम ही घूमकर अक्षर को सही स्थान पर पहुंचाता है। जिससे हैमर के द्वारा प्रहार किया जाता है तब जाके अक्षर छपते है। इसके प्रिंट की गति 300 स् 2000 लाइन प्रति मिनट होता है।
Chain printer चैन प्रिंटर
इस प्रकार के प्रिंटर में एक चेन लगा होता है जिसके जोड़े पर अक्षर बना होता है। यह चेन जब घुमता है तो जिस अक्षर का प्रयोग करना होता है उस अक्षर को पेपर में छापने के लिए पहुंचा देता है। तब प्रिंटर हैमर द्वारा कागज पर वह अक्षर छाप छोड़ता है। क्योकि जो पेपर होता है वह हैमर और इंक रीबन के बीच में होता है।
Thermal Printer थर्मल लाइन प्रिंटर-
इस प्रकार के प्रिंटर का प्रयोग व्यापारियो द्वारा अधिक किया जाता है। क्योकि इस प्रकार के प्रिंटर से किसी भी स्लिप को आसानी से प्रिंटर कर सकते है। इस प्रकार के प्रिंटर का उदाहरण ATM स्लीप या बिल को प्रिंट करता है।
Band Printer बैंड प्रिंटर
यह प्रिंट चेन प्रिंटर के समान होता है इसमे चेन के जगह पर स्टील के पट्टे का प्रयोग किया जाता है। इस पट्टे पर ही ऊभरे हुए अक्षर टाइप होते है जिनकी सहायता से पेपर पर अक्षर प्रिंट होते है। इसकी सहायता से भी एक लाइन एक बार में प्रिंट किया जाता है।
Non Impact Printer-
इस प्रकार के प्रिंटर में प्रिंटिंग हेड और कागज से सम्पर्क नही होता है। यह प्रिंटर इलेक्ट्रोस्टैटिक केमिकल और इंकजेट तकनीक का प्रयोग करता है | इस प्रकार के प्रिंटर के द्वारा ब्लैक एंड वाइट तथा रंगीन दोनों तरह के प्रिंट प्राप्त कर सकते है । इस प्रकार के प्रिंट शोर बहुत ही अन्य प्रिंटर की अपेक्षा कम करते है और प्रिंट भी तेज करते है और यह विभिन्न प्रकार के पेज को भी सपोर्ट करता है।
Inkjet Printer
इस प्रकार के प्रिंटर का प्रयोग बिजनेस और घरेलू दोनो उद्धेश्य के लिये किया जाता है। इसमें छोटे छोट गन होते है जब पेपर प्रिंट किया जाता है इनकी सहायता से प्रिंटिंग पेपर के उपर स्प्रे किया जाता है इस प्रकार के प्रिंटर की प्रिंटिंग गुणवत्ता बहुत ही उच्च होती है। इस प्रकार के प्रिंटर से सभी प्रकार के कलर प्रिंटिंग की जाती है।
इस प्रकार के प्रिंटर की प्रिंटिंग गुणवता 300 डॉट पर इंच होती है।
इस प्रकार के प्रिंटर को नान इम्पैक्ट प्रिंटर के अंदर रखा गया है।
Laser Printer-
इस प्रकार के प्रिंटर को व्यावसायिक रुप से 1976 में प्रस्तुत किया गया था उस समय इसका प्रयोग मेनफ्रेम कम्प्युटर के साथ किया गया था। इस प्रकार के प्रिंटर का प्रयोग वहां किया जाता है। जहां पर लगातार प्रिंट करने की आवश्यक्ता होती है क्योकि इस प्रकार प्रिंटर के प्रिंट करने की गति काफी तेज होती है। इस प्रकार के प्रिंटर में ब्लैक इंक का प्रयोग किया जाता है जिसको हम कार्टेज के नाम से जानते है। जो छोटे छोटे स्याही के सूक्ष्म कण होते है। इस प्रिंटर के द्वारा 1 मिनट में 60 से 135 पेज प्रिंट होते है।
विविध-
यह एक आउटपुट डिवाइस है। जिसका प्रयोग साफ्ट कापी को हार्ड कापी में बदलने के लिए किया जाता है।
एक प्रिंटर की क्षमता को PPM(Page per Minute) से मापा जाता है।
प्रिंटर में Dedicated memory होती है।
इंम्पैक पिंटर में लाइन प्रिंटर पहले विकसित किया गया था।
लेजर प्रिंटर का पहला संस्करण 1969 में विकसित किया गया था।
लेजर का विकास Gray Starkweather द्वारा किया गया था।
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