निपाह वायरस
इस वायरस से पीड़ित लोगो में बचने की संभवाना बहुत कम होती है कह सकते है न के बराबर। यह वायरस 2018 में केरल में दस्तक दिया था। उस समय निपाह वायरस से पीड़ित 18 लोगो की मौत हो चुकी थी। इसलिए इस वायरस को डेडली वायरस भी कहा जाता है क्योकि इस वायरस से पीड़ित 75 प्रतिशत व्यक्तियो की मौत हो जाती है। अभीतक इस वायरस की कोई दवा अथवा वैक्सीन नही बनी है। इस वायरस से बचना है तो सुरक्षा ही बचाव है।
आइये इस वायरस के बारे में जानते की कोशिश करते है
यह वायरस टेरोपस जीन्स नामक चमगादड़ से फैलता है जो चमगादड़ फल खाते है वो चमगादड़ अपने लार्वा को फल पर छोड़ देते है अब वो फल यदि इंसान या जानवार खाता है तो यह वायरस इंसान अथवा जानवार में फैल जाता है
सबसे पहले यह वायरस कहां मिला-
विशेषज्ञों के अनुसार सर्वप्रथम यह वायरस मलेशिया के कम्पंग निपाह गांव में पता चला था। इस गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह वायरस पड़ा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार उस वक्त यह वायरस सूअर से इंसान में फैला था।
भारत में इस वायरस के लक्षण 2001 में मिला था।
निपाह वायरस के लक्षण-
तेज बुखार आना
सिरदर्द
सांस लेने में तकलीफ
उल्टी और बेहोशी
निपाह वायर से कैसे बचा जाय-
इस आप इस वायरस से बचना चाहते है विभिन्न नियम को मान कर इस बच सकते है।
जैसे- साफ सफाई का विशेष ध्यान दे, खाना खाने से पहले तथा खाना खाने के बाद हाथ धोते रहे, दुषित चीजो को खाने से बचे, खजूर जैसे फल को खाने से बचे,जो फल फेल से गिर गये है उनको न खाये या अच्छी तरह से कोई भी फल धोकर खाये, संक्रमित व्यक्ति से दूर रहे, सूअर या सूअर पालने करने वालो से दूर रहे।
ऐसा कोई लक्षण आता है तो डॉक्टर से सलाह तुरन्त ले।