राम नवमी 22 मार्च 2023
आइये जानते सभी देवी के पूजा के मंत्र के बारे
ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणीः।
बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः।।
कलश स्थापना
नवरात्री का पहला दिन
नवरात्री का पहला दिन
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
नवरात्री का दूसरा दिन
नवरात्री का दूसरा दिन
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमोः नमः
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमोः नमः
नवरात्री का तीसरा दिन
नवरात्री का तीसरा दिन
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्री का चौथा दिन
नवरात्री का चौथा दिन
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्री का पांचवा दिन
नवरात्री का पांचवा दिन
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्री का छठां दिन
नवरात्री का छठां दिन
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्री का सांतवा दिन
नवरात्री का सांतवा दिन
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
नवरात्री का आंठवा दिन
नवरात्री का आंठवा दिन
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमोः नमः ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमोः नमः ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
नवरात्री का नौवां दिन
नवरात्री का नौवां दिन
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।