तन्त्रिका तन्त्र (Nervous System)-
शरीर के जिस तंन्त्र द्वारा विभिन्न अंगो को नियत्रित किया जाता है उसे तन्त्रिका तन्त्र कहा जाता है। इसमे मस्तष्कि,मेरुरज्जू और इनसे निकलने वाली तंत्रिकाओं की गणना की जाती है। इसके विभिन्न काम है या कह सकते है कि यह विभिन्न अंगो की भिन्न-भिन्न क्रियाओं को संचालित करता है।
यह जन्तु के बाहरी वातावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करने में मदद करता है
यह समस्त मानसिक कार्यो को नियंत्रण करने में मदद करता है।
मानव की तंत्रिका तंत्र दो भागों में बटा है।
1-केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous System)-
2- परिधीय तंत्रिका तंत्र(Peripheral nervous System)
1-केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous System)-
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र( Central nervous System)
मानव शरीर का वह भाग होता है जो पूरे शरीर पर तथा स्वयं तंत्रिका तंत्र पर नियत्रंण रखता है।इसके दो भाग होते है
a)मस्तिष्क(Brain)
b) मेरुरज्जु(Spinal cord)
2- परिधीय तंत्रिका तंत्र(Peripheral nervous System)
यह वह तंत्रिका तंत्र होता है जो ब्रेन से निकली हुयी 12 जोड़ी नसे और स्पाइनल कार्ड से जुड़ी हुयी 31 जोड़ी नसो से मिलकर बना होता है। यह तंत्रिका तंत्र का वह भाग होता है जो संवेदी न्यूरॉन तथा दूसरे न्यरॉनो से मिलकर बनती है। या कह सकते है कि इसमे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से उत्तपन्न होने वाली तंत्रिकाएं होती है।
स्वयत्त नर्वस सिस्टम(Autonomous Nervous System)-
यह परिधीय तंत्रिकाओं का समूह होता है जो शरीर के विभिन्न अंगो से जुड़ा होता है इन अंगो को उत्तेजित करता है जिस पर किसी का कंट्रोल नही होता है यह कह सकते है जब शरीर द्वारा कोई भी घटना ओटोमेटिक होती है जीसमे यह नही पता चलता है कि यह घटना क्यो घटित हुआ है तो यह घटना को स्वयत्त नर्वस सिस्टम के द्वारा होती है । यह दो प्रकार का होता है।
1-अनुकंपी तंत्रिका तंत्र
2- पराअनुकंपी तंत्रिका तंत्र
न्यूरॉन्स-
न्यरॉन्स तंत्रिका तंत्र की मूल ईकाई है। इसको तीन भागो में बाटा गाया है। संवेदी,मोटर और संघ न्यूरॉन्स