Mouse कम्प्युटर का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है क्योकि यह हमारे कम्प्युटर में उपस्थित सभी फाइल को तेजी से ओपेन करता है और इनमे उपस्थित किसी भी एप्लीकेसन साफ्टवेयर के टूल को आसानी से एक्सेस करते है। इसकी वजह से यह हमारे कम्प्युटर का महत्वपूर्ण भाग है इसलिए इससे सम्बन्धित बहुत सारे प्रश्न आपके परीक्षा जैसे ccc, bank Railway, SSC , State Goverment exam or Central Government exam or Private Exam Etc में पूंछे जाते है। आइये इसके बारे हम विस्तार से जानते है
माउस(Mouse)-
यह कम्प्युटर के हार्डवेयर का एक भाग जिसका इस्तेमाल इनपुट डिवाइस के रुप में किया जाता है इसके प्रयोग से कम्प्युटर पर होने वाले एक्सन को आसान बनाया जाता है। इसमे तीन प्रकार के बटन होते है जिनकी सहायता से कम्प्युटर की कार्यविधि को आसान बनाया जाता है। यदि यह Mouse न होता तो कम्प्युटर पर काम करना काफी कठिन होता। माउस पहले वर्जन को सर्वप्रथम 1968 में प्रदर्शित किया गया था। आइये माउस के बारे में विस्तार से जानते है।
माउस क्या होता है(What is the Mouse)-
माउस एक इनपुट डिवाइस है इसको हम प्वाइंटिंग डिवाइस के नाम से भी जानते है। इसके द्वारा कम्प्युटर को आदेश देने का काम किया जाता है।
माउस का इतिहास(History of Mouse)-
माउस का आविष्कार उस समय किया गया जब कम्प्युटर का आकार एक कमरे के बराबर होता था उस समय तक कीबोर्ड की सहायता से कम्प्युटर पर काम किया जाता था। माउस के आविष्कार से कम्प्युटर में नई क्रांति का जन्म हुआ क्योकि माउस के आविष्कार से कम्प्युटर में कार्य करने की गति तेज हो गयी।
माउस की खोज-
पहली बार माउस को 1968 में प्रस्तुत किया गया था तब इसको बग के नाम से जानते थे लेकिन इन्होने इसका आविष्कार 1960 में किया था। डगलस माउस के आलावा 45 और आविष्कारों का पेटेंट है। इनके स्केच के आधार बिल इंग्लिस ने 1963 में लकड़ी का माउस बनाया था जिसको चलाने के लिए दो पहिये का प्रयोग किया गया था।
जैक हॉली जो बिल इंगलिस डगलस के काम से प्रभावित थे। इन्होने उसी को आधार मानकर 1972 में पहला डिजिटल माउस जीरॉक्स पार्क को डिजाइन किया । जो सीधे सूचना को भेजता था। इस माउस में एनॉलाग सिग्नल को डिजिटल में बदलने की जरुरत नही पड़ती थी। इस माउस में पहली बार जिस बॉल का प्रयोग किया गया था वह मेटल की बॉल थी।
माउस का पहली बार प्रयोग-
माउस के प्रदर्शन के लगभग 20 साल बाद 1981 में 8010 कम्प्युटर के साथ इसको बाजार में उतारा गया था। उस समय इस कम्प्युटर की कीमत 16000 डॉलर थी। इसमें जो माउस का प्रयोग किया गया था उसमे एक बाल दो बटन होते थे।
माउस के प्रकार-
मुख्यतः माउस दो प्रकार के होते है –
1-मकैनिकल माउस-
इस प्रकार के माउस की खोज बिल इंगलिस द्वारा किया गया था। इस प्रकार के माउस में बाल का प्रयोग किया गया था जिसमे बाल के मूव करने पर ही कर्सर मूव करता था। इस प्रकार के माउस में सेन्सर लगा होता था जैसे ही माउस को इधर उधर ले जाते है वैसे सेन्सर के द्वारा पता चल जाता था कि बाल मूव कर रहा है।
2- आप्टिकल माउस-
आप्टिकल माउस में रबर बॉल के स्थान पर LED(Light Emitting Diode) का इस्तेमाल किया जाता था। इस प्रकार के माउस में माउस के मूवमेन्ट को आप्टिकल सेन्सर के मदद से ट्रैक किया जाता था। इस समय इसी प्रकार के माउस का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के माउस को हम कपड़े, फर्श, लकड़ी कर सकते है। यह विभिन्न प्रकार के होते है। इस प्रकार के माउस को पहली बार माइक्रोसाप्ट द्वारा 1999 में पेश किया गया था।
1-वायर माउस
इस प्रकार के माउस मे वायर का प्रयोग किया जाता है क्योकि इस वायर की सहायता से ही कम्प्युटर से सिग्नल माउस तक जाता है।
यह दो प्रकार के होते है
1-USB Mouse-
इस समय लगभग सभी कम्प्युटर में Universal Serial Bus मतलब USB माउस का प्रयोग किया जाता है क्योकि USB Mouse का प्रयोग अन्य डिवाइसो में आसानी से कर सकते है इस तरह के माउस को नोटपैड, मोबाइल, कम्प्युटर, लैपटाप आदि में आसानी से कर सकते है।
2-PS/2 Mouse
इस प्रकार के माउस का प्रयोग इस समय नही किया जाता है क्योकि इस समय सभी कम्प्युटर में USB माउस का प्रयोग किया जाता है। PS/2 का डेवलप IBM द्वारा1987 में किया गया था। इस 6 पिन का प्रयोग किया जाता है। जो कम्प्युटर और माउस के बीच सीग्नल का आदान प्रदान करते है। यदि कोई भी पिन ब्रेक हो जाती है तो यह माउस काम करना बंद कर देता है।
SMPS के बारे में जाने
2-वायरलेस माउस
इस प्रकार के माउस में वायर का प्रयोग नही किया जाता है। इस प्रकार के माउस का प्रयोग करने के लिए मेडियेटर की आवश्यकता पड़ती है जैसे ब्लयुटूथ
माउस के द्वारा कम्प्युटर में सिग्नल भेजने के लिए माउस में बैटरी का होना आवश्यक होता है जो माउस को ऑन करता है।
3-टच पैड माउस
यह भी एक प्रकार का इनपुट डिवाइस होता है इस प्रकार के टचपैड का प्रयोग लैपटाप या कुछ की-बोर्ड में प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के टच पैड में अंगुलियो के सहारे करसर को मूव कराया जाता है।
4-गेमिंग माउस
गेमिंग माउस अन्य माउस से अलग होते है क्योकि जो नार्मल माउस होते है उन्मे तीन बटन होते है जबकि गेमिंग माउस में तीन से अधिक बटन होते है जो अलग अलग काम करते है।
5- ब्लयुट्रूथ माउस-
इस प्रकार का माउश वायरलेस की श्रेणी में आता है ब्लयुट्रुथ माउस का रेजं अधिकत्तम 10 मीटर होता है। इस प्रकार के माउस में रेंज जितना अधिक होगा काम करने की क्षमता उतनी घटती जाती है।
6-लेसर माउस-
इस प्रकार माउस भी वायरलेस की श्रेणी में आता है। इसमे माउस के मूवमेन्ट के लिए लेजर लाइट का प्रयोग किया जाता है। आप्टिकल माउस की तरह इसमे कोई मूवमेन्ट वाला पार्ट नही होता है। यह आप्टिटकल की तुलना मे अच्छी तरह काम करता है। इसका प्रयोग 1998 मे सन माइक्रोसिस्टम द्वारा पहली बार किया गया था। 2004 में लॉजिटेक द्वारा पहली व्यसाहियक उपयोग किया गया था। इस प्रकार के माउस कास्टली होते है। इसका रेजोजल्युशन 6000 DPI होता है।
7- ट्रैक बाल माउस-
यह अन्य माउस से अलग होता है इसमे माउस के बाये साइड में एक रबर की बाल होती है जहां प र अंगुठे की पकड़ होती है। इसके अलावा इसमे तीन और बटन होती है जो लेफ्ट राइट और स्क्राल के लिए प्रयोग करते है।अन्य माउस में कर्सर को मूव करने के लिए माउस के स्थान को परिवर्तन करना होता है लेकिन इस माउस जो बाल रहता है उसको मूव करना होता है।
8- 3डी माउस-
3डी माउस को पहली बार 1990 के दशक के अंत में कैनटक द्वारा पेश किया गया था। इस प्रकार के माउस को अपनी अंगुली में पहन सकते है इसमे ब्लूट्रूथ आप्शन दिया गया है जिसकी सहायता से मन चाहा काम कर सकते है। इसको 30 फीट की दूरी से प्रयोग कर सकते है।
9-फिंगर माउस-
इस प्रकार के माउस को हथेली की बीच वाली अंगुली में पहन कर प्रयोग कर सकते है। इसका कुल भार 35 ग्राम होता है। इसमे लेफ्ट या राइट बटन को प्रेस करने के लिए अगुंठे का प्रयोग किया जाता है।
10- पेन माउस
इस प्रकार के पेन को GSTick Pen के नाम से जानते है। इस प्रकार के पेन का प्रयोग गेम, डिजटल डिजाइन या ग्राफिक्स में किया जाता है । वायरलेस जीस्टिक्स पेन विन्डोज, मैक, लिनक्स पर काम करता है इसकी संवेदनशीलता 1200 DPI है।
माउस बनाने वाली प्रमुख कंपनी-
भारत में माउस जिन कंपनी के अधिक लोगो द्वारा प्रयोग किये जाते है वो निचे दिये गये है।
- HP
- Dell
- Lenovo
- Logitech
- Eleven
- Zebronic
- Razer DeathAdder
- ProDot
- Ant Esports
- Quantum